सीखना
सीखना
सीखने की कोई उम्र नहीं होती वास्तव में पुष्पा यदि देखा जाए तो उम्र कुछ नहीं होती। पुष्पा ने पूछा वह कैसे हमने कहा जन्म लिया तो बच्चा बड़ा हुआ तो जवान 50 पार किया तो अधेड़ उससे ऊपर गया तो बुढ़ापा। उम्र कहां है कहीं नहीं है इसलिए कहता हूं सीखने की कोई उम्र नहीं होती। पुष्पा ने कहा आप बात तो सही कह रहे हो। क्योंकि जो सीखना नहीं चाहते वह बूढ़े कहलाते हैं। या दूसरे शब्दों में कहें जो सीखना नहीं चाहते। वह अपने आप को बूढ़ा जल्दी बना लेते हैं। चाहे वह जवान अवस्था में ही क्यों ना हो। हमने कहा बिल्कुल सही बात है आज रह रह कर दिल यही कह रहा है।
यदि तुम सफल लीडर बनना चाहते हो। तो सबसे पहले टीम की कमजोर कड़ियों को मजबूत करो। यदि तुम सफल लीडर बनना चाहते हो तो सबसे पहले अपनी टीम को एक सूत्र में बांधे। यदि तुम सफल लीडर बनना चाहते हो तो अपनी टीम को प्रतिदिन कुछ न कुछ सिखाओ। यदि तुम सफल लीडर बनना चाहते हो। तो उम्र कुछ भी हो सीखना मत छोड़ना। यदि तुम सीखना नहीं छोड़ोगे तब याद रखना तुम कभी भी बुरे नहीं हो सकते। सीखने से हर वक्त कुछ ना कुछ अनुभव बढ़ता है।सीखने से अपने ज्ञान में वृद्धि होती है। सीखने से अपने व्यवहार में कुशलता आती है। सीखने से उम्र छोटी हो जाती है। सीखने से दिमाग की बत्ती जल जाती है।
पुष्पा ने धीरे से कहा आज किसी को कुछ भी सिखाने की आवश्यकता नहीं है। आज के दौर में सब ज्ञानी है कईयों के दिमाग में सीखने के नाम से ही यह अहंकार आ जाता है। मैं यहां इतने लंबे समय से काम कर रहा हूं। यह आज मुझे काम सिखाएगा।लेकिन हमने कहा पुष्पा यह वक्त की पुकार है। अपने आप को मजबूत करने के लिए अपनी टीम को सिखाना ही होगा।
यदि अपने आप को सर्वश्रेष्ठ लीडर बनना है। तो अपने अनुभव के आधार पर टीम को सिखाना ही होगा जिससे वह कल हमारे लिए उपयोगी बन सके। जिससे वह टीम लीडर के लिए एक उपजाऊ जमीन बन सके। क्युकी उपजाऊ जमीन पर ही फैसले लहलहाती है। सीखने की कला के कारण ही उनमें आत्मविश्वास जग सके। हां मैं भी बेहतर कर सकता हूं मैं भी किसी से ज्यादा नहीं तो कम बिल्कुल भी नहीं हूं। अपनी टीम को हर कार्य में तेजतर्रार बनाना ही होगा। एक सफल लीडर बनने के लिए सफल टीम का होना आवश्यक है।
सफल टीम बनाने के लिए कार्य करने की विभिन्न पद्धतियों को उन्हें सीखना ही होगा। जब टीम मजबूत होगी तब हम भी निर्माण रिटेल होल्डिंग्स की नजफगढ़ शाखा को मजबूती प्रदान कर सकेंगे। जब हमारी नजफगढ़ शाखा का नाम होगा। तब एक दिन अवश्य पूछा जाएगा उस शाखा को कौन संभालता है। तब हमारी 40 इंच की छाती फुल कर 56 इंच की हो जाएगी।
जैसे हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की है। इसीलिए आज से ही अपनी टीम को सिखाना होगा। हम उन्हें भी सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे जो कहते हैं, हमें सब कुछ आता है। क्योंकि उन्हें यह सीखना होगा कार्यालय में जल्दी आने का कोई फायदा नहीं है। यदि तुम कार्य की गंभीरता को समझते हुए कार्य समय पर समय पर ना कर सको। इसलिए सीखने के नाम पर चिड़ा मत करो। हम जानते हैं आप सब हमसे ज्यादा अनुभव रखते हैं। आप सब हमसे ज्यादा ज्ञान शील हैं ज्ञानवान हैं। परंतु हम आपको यह बता दें यदि हमारे साथ काम सीखने में दिल नहीं लग रहा है। हमारे साथ सीखने में चिड़चिड़ापन महसूस हो रहा है। तो वह अपने आप से अपना स्थानांतरण किसी अन्य शाखा में करवा ले। यदि हमारे साथ सदैव के लिए बना रहना है। या जब तक हम यहाँ कार्य करते हैं। तब तक बने रहना है। तो हमारे पास हंसकर कार्य करने ही होंगे।
वरना हमारे लिए जी का जंजाल मत बनना।
हमें उन पर विश्वास नहीं है जो कहते है कार्य हो रहा है मैं खाली नहीं बैठा काम कर रहा हूं। वह अच्छी तरह जान ले ये बहानेबाजी हमारे पास नहीं चलेगी। हमारी चील से भी तेज नजरें आपके काम करने के गुणों की बारीकी से निरीक्षण कर रही है। इसलिए किसी प्रकार की कोई भी बहानेबाजी हमारे साथ बनाने की कोशिश ना करें। आप सब काम करो हंसकर वह भी डटकर समय अनुसार। क्योंकि कंपनि में एक ही काम नहीं है। इसलिए आज सिखा रहा हूं अपने कार्य क्षमता बढ़ाओ वरना यहां नहीं जहां भी जाओगे मार खा जाओगे। इसलिए सीखना तो बनता है जिससे कल आपके हुनर की प्रशंसा की जाए।
जिससे कल आपको हर कोई लेने की मांग करें। सीखना भी एक कला है जिसे सीख कर एक सफल लीडर बना जा सकता है।
जब अभिमन्यु मां के गर्भ में रहकर चक्रव्यूह में प्रवेश करना सीख सकता है। तब आप इतना विशालकाय शरीर लेकर अपनी तरक्की के लिए क्यों नहीं सीख सकते। सोचिए सीखना कितना महत्वपूर्ण है। सीखना ज्ञान को जागृत करता है। सीखना उत्साहवर्धक है। सीखना कार्य को आसान बनाता है। सीखने से तात्पर्य है आप अपनी सफलता सुनिश्चित कर रहे हैं।
याद रहे दोस्तों जीवन में सीखना महत्वपूर्ण है। सीखने से कार्य आसान हो जाते हैं। उम्र नहीं बढ़ती दिल बच्चा रह जाता है।
इसलिए सीखकर अपना ज्ञान बढ़ाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन याद रहे सीखता वही है जो झुकना जानता है।
सीखता वही है जो उत्साह से भरा होता है।
यदि आप सीखने के लिए तैयार है तो यह कहानी आपके लिए ही बनी है।
इतिश्री
