हम दोनों
हम दोनों
मुझे लगता है,
हर उथल पुथल के बाद,
हम दोनों एक साथ हैं
क्योंकि रहे है हमेशा ही ,
अपने रिश्तों के,
हर फर्ज निभाते हुए,
मन बांट लेने को,
एक दूसरे के लिए।
समझते हैं,
कि भीड़ भरी दुनिया,
और जरूरी रिश्तों के बीच,
स्नेह और आदर से भरे हुए,
एक दूसरे के लिए,
हम दोनों हमेशा देर सवेर,
मौजूद ही होंगे।
अलग हैं
और लोगों से,
जो हर तरफ ढूंढते है,
भरोसा बिना भरोसेमंद हुए,
और हम बस चलते है
साथ साथ,
बिना भरोसे को टटोले ,
एक दूसरे में।
मतभेदों पर
एक दूसरे से,
बुरी तरह टूटने के बाद,
कुछ पल अपने मे खो कर,
फिर आ जाते है एक दूसरे के,
गहन विचारों में लौट कर,
जीवन को और भी
जीने के लिए।
संतुष्ट हूँ मैं कि ,
अपने होने भर से,
हर परिस्थिति में हम दोनों,
बिना सहमति-असहमति के भी
हैं हमेशा ही अवलंब
एक दूसरे का।
लेकिन जो
छूट जाए साथ
मेरा सांसो की दुनिया में ,
याद कर एक मुझको
कभी उदास न होना
हो लेना अपना,
जैसे तुम होते हो,
मेरे लिए अपने,
हमेशा।
देखना तब,
तुम पाओगे
'हमें'
मुस्कराते हुए,
खुद मे हमेशा।