पाप का भागी कौन
पाप का भागी कौन
पाप का भागी कौन है
यह कहना तो मु्श्किल है ।
पाप पुण्य भी समझ न आये
भेदभाव कुछ समझ न आये ।
जाति धर्म से बाँट रखा है ।
सब धर्मो की अलग सोच है ।
चीटी भी मर जाये तो
कहते है पाप लगता है ।
बकरा बकरी मुर्गा मुर्गी
मछली मार काट कर
खुलेआम वो बेच रहे है ।
क्या पाप नही वो कर रहे है ।
लेने खाने वाले भी सब
पाप के भागी बन रहे है ।
जानबूझकर जिन्दा मारते
क्या पाप नही वो कर रहे है ।
गाय बैल भैंस भी काटकर
माँस मटन भी चुपके चुपके
से बाजारो मे बेच रहे हैं ।
शेर वाघ चाहे हिरन मार दो
हत्या का अपराध होता है ।
गाय जिसे हम माँ कहते है
क्यो शेर वाघ से कम आकते हो ।
शेर हिरन को खा जाता है
शेर पर क्यो नही केश बनता है ।
बड़ा जटिल ये देश यारो है
पशु जानवरो मे भी ये
क्या भेदभाव नही कर रहे है
क्या पाप नही ये कर रहे है ।
पाप का भागी कौन यहाँ है
मन मर्जी से कर रहे है ।