मैं
मैं
मैं एक बेरोजगार हूं,
हो रहा हूं परेशान।
रोजगार ना मिलने की
वजह से कर रहा हूं,
अपने शरीर का बलिदान।
इतना पढ़ा-लिखा होकर
भी गली गली भटक
रहा हूं।
लोगों की नजरों में आए
दिन गिर रहा हूं।
अपने हक के लिए रोज
लड़ रहा हूं।
बूढ़ी मां घर में बीमार,
रोजगार ना होने की
वजह से।
दवा तक नहीं ला पा
रहा हूं।
आए दिन इतने वादे करती
है सरकार।
फिर भी ना देती रोजगार।
बिना रोजगार के,
कैसे चला लूंगा मैं अपने
घर बार।
परेशान हो रहा हूं मैं हर बार।
कुछ तो करो मोदी सरकार।
युवा ऐसे करते रहेंगे अपने
शरीर का बलिदान,
तो कौन संभालेगा आगे
जाकर आपका कारोबार।
इसलिए आगे बढ़ो सरकार
बनाओ एक युवाओं का
संगठन।
दो उनको रोजगार।
आगे जाकर बने वो आप के
मजबूत हाथ।
युवाओं को ना करना पड़े
रोजगार के पीछे
अपने शरीर का बलिदान।
