क्या है मुहब्बत ?
क्या है मुहब्बत ?
मुफलिसी में सहारा
देकर जो राह दिखाए
तो मोहब्बत है।
आंखों में अश्कों का
होना तो लाज़िम है
अगर पोंछ कर आंसू
कोई हँसना सिखाए
तो मुहब्बत है।
सर पर धूप है कभी
कभी ज़ख्मों से रूह बेबस है
इन हालातों में भी गर कोई
दो पल सुकून दे जाए
तो मुहब्बत है।
ज़ार ज़ार हैं तोहमातों से
किस कदर मुफलिसी का आलम है,
इन बैचेनीयों चैन दे गर कोई
तो मुहब्बत है।
कोई मंज़िल नहीं आसान,
कोई राह नहीं मिलती
क़दम बा क़दम मुश्किलों के पहरे हैं
इन सख्त लम्हों में
कोई दे आसरा अगर
तो मुहब्बत है।