सलाम सैनिक को
सलाम सैनिक को
साहस की परिभाषा है
वतन की हर एक आशा है
मुश्किल हर वो सहता है
कुछ ऐसा गया तराशा है
प्राणों का उसे मोह नहीं
वो देश प्रेम में मग्न पड़ा
हर संकट राष्ट्र का उसका है
देश के हर पल देश संलग्न खड़ा
पर्वत सा अटल सीमा पर
सरिता सा देश में बहता है
कष्टों को सरिता में कर अर्पण
ये वतन चैन से रहता है
बापू सा अगर शांत है वो
तो भगत सिंह सी आग भी है
बैरी का अगर काल है वो
तो भीतर से अनुराग भी है
सलाम मेरा हर सैनिक को
नमन उस देश की भक्ति को
त्याग दिया जीवन जिसने
प्रणाम मेरा उस शक्ति को।।