पूनम का चन्द्रमा
पूनम का चन्द्रमा
पूनम का चन्द्रमा, आज है खिला
बिछड़ा हुआ साथी, हमें आज है दिखा
हमें आज है दिखा
जब उठतीं है, यादों की लहरें
घाव करतीं हैं, दिल में वो गहरे
सांसें थमती नहीं, आस मिटतीं नहीं
प्यास ऐसे में दिल की वो, बुझा जायें
रात बढ़तीं रहेगी आगे
आँखें उसकी ख्यालों में जागें
थाम कर उनका हाथ, चलूँ चाँद-तारों के पार
उमंगें इस दिलकी, फिर यूँ खिल जायें
दिखती चमकीलें, तारों की माला
जहाँ बादल ने ओढ़ी दुशाला
उन जैसा अगर, मिलें जीवन डगर
सफर हँसतें- दमकतें, यूँ बीत जायें
जब घटतीं नहीं दिलों की दूरीं
दर्द बढ़तां, सतायें मजबुरीं
प्रीत जिनसे जुड़ीं, आँखें जिनसे लडीं
चित रह रह कर उनकीं ही ओर भागें
बहती जातीं है वक्त की धारा
ख़त्म करती हर प्रेम नजारां
जिन्दा रहती वो प्रीत, भले न मिलें वो दों मीत
दिल को बंधन में बांधें, वो प्रीत-धागें
पूनम का चन्द्रमा, आज हैं खिला
बिछड़ा हुआ साथी, हमें आज है दिखा
हमें आज है दिखा....
फिल्म: नवरंग
गीत: आधा है चन्द्रमा, रात आधी, रहना जाये तेरी मेरी बात आधी मुलाकात आधी