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प्यार का दीवाना

प्यार का दीवाना

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प्यार का दिल नहीं चल सकता

फूओं पे काँटों पे।

दिल का मन नहीं डूब सकता

सागर किनारे में।


मन का सच नहीं चल सकता

रात के अँधेरे में।


चलेंगे सूरज

और चाँदनी के रास्ते पे।


लोग मरेंगे प्यार की दुनिया में

प्यार के दीवाने को

महलों में खुशी नहीं।


प्यार सुधरेगा

एक दिन ये जीवन में।


क्या कहना प्यार को

इन दीवानों के प्यार में।


गलियों में फिरा

तुम्हारी प्यार के चक्कर में।


मिलेंगे सोचा था

फिर ना लौट सखे।


क्या करूँ पड़ गया

प्यार की बीमारी में।


सोच सोच के,

मेरा दिल थक गया बहुत।


रातों में आता है

प्रेम कहानी का गीत।


दिल से खेलता है

मेरी आत्मा का प्यार।


दुनिया में है ये दिल,

मगर कभी बीमार होता है।


अगर ना बेमानी और बेकारी

दिल का वादा है।


आसमान में

प्रेम कहानी हो सकती है।


चाँदनी की रोशनी में

दिल बिगड़ जाता।


आत्माओं का आत्मा से

दिल खेलता।


सूरज की रोशनी से

दिल सूख जाता है।


दिल भी गाता है

कभी प्यार की धुन में।


मन भी कहता है

प्यार की घोषणा में।


काल चक्र में बिगड़ जाते

मन और दिल भी।


ये है प्यार चार दिन

दिल की मोहब्बत।


रास्ते ढूंढ़ते हैं

प्यार का दिल से।


गली-गली में फिरते हैं

प्यार के मौसम में।


दिल की मंज़िल

बन जाती कभी-कभी।


प्यार का सागर

महफ़िल में डूब जाते कभी।


ये है ज़िन्दगी प्यार की

ज़िन्दगी कभी सीधी

कभी उल्टी हो सकती है।


प्यार की दुनिया में

लोग फँस जाते कभी।


ज़िन्दगी गुजरना,

दिल और मन की बात।।


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