तिरंगा प्यारा
तिरंगा प्यारा
तीन रंग का
तिरंगा प्यारा।
हरा, सफेद
केशरिया प्यारा।
पूर्व, पश्चिम,
उत्तर, दक्षिण।
चहूँ ओर फहराये
तिरंगा प्यारा।
आजादी के वीरों ने
अपनी जान गंवाई थीं।
15 अगस्त 1947 को
हमने आजादी पाई थी।
तीन रंग के तिरंगे ने
सबकी शान बढ़ाई थी।
लक्ष्मीबाई ने सबसे पहले
आजादी पाने को अंग्रेजों
से लड़ी लड़ाई थी।
आजादी पाने में रानी ने
अपनी जान गंवाई थी।
मशाल फूँककर आजादी
की लड़ी लड़ाई थी।
सुभाषचन्द्र, भगतसिंह ने
आगे की राह दिखाई थी।
चन्द्रशेखर आजाद ने भी
छोटी सी उम्र में आजादी
का बिगुल बजाया था।
राजगुरू, सुखदेव ने
मिलकर अंग्रेजों की
नींद उड़ाई थी।
ऐसे वीर योद्धाओं ने
फाँँसी पर चढ़कर
देश और देशवासियों
को आजादी दिलाई थी।
तिरंगे को फहराकर
सबने स्वातंत्रता पाई है।
जान तिरंगा शान तिरंगा
तिरंगे की शान बढ़ानी है।
वीर शहीदों की कुर्बानी
याद करके दोहरानी है।
शत शत नमन सभी करते हैं।
ये गाथा सबको दोहरानी है।