दंगल फ़िल्म के गाने पर
दंगल फ़िल्म के गाने पर
ओ स्वामी जीवन मे मेरे,तू खुशियों की धार है।
तुम बिन तो जीवन नैया,अटकी मझधार है।
ओ स्वामी........
सातों जन्मों के बंधन से,जुड़ा है तुम संग नाता।
अग्नि के फेरों में कैसा,रचता है खेल विधाता।
मुझे बनाया कच्चा धागा,तू फूलों का हार है।
ओ स्वामी जीवन में मेरे,.........
तेरे संग जीवन की मेरे,खिल गई फुलवारी।
एक नन्हा सा फूल खिला,एक कली है प्यारी।
ये छोटी सी बगियाँ ही,अब तो मेरा संसार है।
ओ स्वामी जीवन मे मेरे.......
आता हैं जब तूफ़ां कोई,मौन मैं रह जाती हूँ।
अंतर्द्वंद करे सवाल,खुद को कहाँ मैं पाती हूँ।
लगती हूँ मैं कोई कांटा,तीखी जिसकी धार है।
ओ स्वामी जीवन में मेरे ........
मेरे अंतर्द्वंद की पीड़ा,कैसे तुझे दिखाऊँ।
तुझको देखूं पीड़ा में,ये भी ना सह पाऊँ।
मैं तेरी गीता हूँ और तू,गीता का सार है।
ओ स्वामी जीवन मे मेरे,........