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रानी सोनी 'परी'

Inspirational

2.5  

रानी सोनी 'परी'

Inspirational

तिरंगा चोला

तिरंगा चोला

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मैं दीवाना चला हूँ देखो,ओढ़ तिरंगा चोला।

जय हिंद का नारा मेरा,कतरा कतरा बोला।।


सनी लहू से धरती ऐसी,माँ का आँचल लाल हुआ।

गद्दारों ने खेल ये खेला,उनका ना बांका बाल हुआ।

मत बांधो तुम हाथ मेरे,इन कानूनी जंजीरों से,

काश्मीर की भीख क्यों मांगे,हम फक्कड़ फकीरों से।

तन मन मे ज्वाला भड़की है, आँखों में जला है शोला।

जय हिंद का नारा मेरा,कतरा कतरा बोला।


फिर उनको याद दिलानी है,उनकी हर करतूत हमे क्यों।

गुनाह करे हर बार और,दिखाने पड़े सबूत हमे क्यों।

शहीदों की जान की बाजी,अब हमको नही भुलाना है।

बहुत हुई ये शांति वार्ता,अब तो बस धूल चटाना है।

बैठा अजगर पाक की धरती,और भेजें यहाँ सपोला।।

जय हिंद का नारा मेरा,कतरा कतरा बोला।


माँ ने अपना लाल गवांया,खोया बहन ने अपना भाई।

शक्ल नही देखी बच्चे ने,पत्नी सिंदूर सजा ना पाई।

नम नही की पिता ने आँखे,सीना कर लिया छोड़ा।

सौ सौ को मेरा लाल मारता, वक्त जो मिलता थोड़ा।

एक नही सब बेटे को करता,कुर्बान पिता ये बोला।

जय हिंद का नारा मेरा,कतरा कतरा बोला।



सर्जिकल स्ट्राइक को छोड़ो,अब तो सीधा युद्ध करो।

पापियों को मार गिराओ,इस देश की धरती शुद्ध करो।

देश मे रहकर जो देश से,नमक हरामी करते है।

बेचके अपना ईमान ओ धर्म,जेबें अपनी भरते है।

खेल रहे हो समझकर वो,मेरे देश को कोई खिलौना।

जय हिंद का नारा मेरा,कतरा कतरा बोला।।




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