मैं गृहणी हूँ सोकिया लिखती हूँ मुझे साहित्य का कोई ज्ञान नहीं है।
ओ स्वामी जीवन मे मेरे,तू खुशियों की धार है। तुम बिन तो जीवन नैया,अटकी मझधार है। ओ स्वामी जीवन मे मेरे,तू खुशियों की धार है। तुम बिन तो जीवन नैया,अटकी मझधार ह...
एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा। एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा।
माँ ने अपना लाल गवांया,खोया बहन ने अपना भाई। शक्ल नही देखी बच्चे ने,पत्नी सिंदूर सजा ना पाई। नम नह... माँ ने अपना लाल गवांया,खोया बहन ने अपना भाई। शक्ल नही देखी बच्चे ने,पत्नी सिंदू...