ख्यालों में खोये रहते हैं
ख्यालों में खोये रहते हैं
आज मुझे
समझ में आया,
ऐंसा क्यूं
होता है,
अचानक
कोई
हमें बुलाता है,
दिल
धक से
कर देता है,
हम सहमें से मायूस,
डर सा जाते है,
फिर समझ में
आया,
जब हम
कही और होते है,
और कही औंर की
सोचते है,
यानि ख्यालों में
खोयें रहते है,
उस दर्मियां
ऐंसा होता है,
ये कोई
पागलपन
या बिमारी नही,
ये तो प्रक्रृति का
नियम है,
इंसान का मस्तिष्क
हमेंशा
कुछ ना कुछ
सोचता ही
रहता है,
इसलिए ऐंसा
होता है...।