प्रकृति
प्रकृति
पर्यावरण को करके संरक्षित,
चलें बनाये अपना भविष्य सुरक्षित,
साफ सुरक्षित अगर पर्यावरण रहेगा,
सरल सुगम हमारा जीवन बनेगा।
एक माँ की तरह सब कुछ
प्रदान करती है प्रकृति,
मन खुश हो जाता है
देखकर इसकी सुंदर आकृति।
आप अब ज्यादा
परेशान मत हो जाइएगा,
पर्यावरण का ही
रूपक शब्द है प्रकृति।
हमारी हर प्रकार की
जरूरतों का ख्याल रखा है इसने,
कौन कह सकता है
प्रकृति से लिया नहीं कुछ उसने।
जन्म से लेकर आज तक
सभी ने लिया ही लिया है,
कौन कह सकता है कि
उसने कुछ इसे वापस किया है।
जिससे केवल
लिया ही लिया है,
कभी न कुछ अच्छा
उसे वापस किया है,
उसे हानि पहुँचाने का
क्या हक़ है हमारा,
जिस पर्यावरण ने
सँवारा है जीवन हमारा।
इस ब्रह्माण्ड में तो
ग्रह हैं बहुत सारे ,
लेकिन प्रकृति का हाथ है
केवल ऊपर हमारे।
क्यों नहीं इस बात का
अदा करें हम शुक्रिया,
पर्यावरण को बचाने की
शुरू करते हैं प्रक्रिया।
आज पर्यावरण को हमने
ही कर रखा है दूषित,
बन चुका है वातावरण
एकदम प्रदूषित।
वायु, जल, मृदा,
कुछ न रहा पहले जैसा,
हमें लगता है सुगमता के लिए
केवल चाहिए पैसा।
वातावरण ही न अगर साफ
शुद्ध हितकारी रहेगा,
पृथ्वी पर जीवनचक्र
फिर ठीक कैसे रहेगा।
जीवनचक्र को अनंत
बनाये रखने के लिये,
पर्यावरण का संरक्षण
करना पड़ेगा।
एक साथ आप बहुत कुछ
कर नहीं सकते,
थोड़े-थोड़े के साथ ही
शुरुआत कीजिये।
पर्यावरण संरक्षण को
लक्ष्य बना लें,
ज्यादा नहीं बस थोड़ा समय तो
इसे दिया ही कीजिये।।