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Durga Devi

Children Stories

4.3  

Durga Devi

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खजाना

खजाना

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माँ मुझे वो चाबी दे दो,

ढूंढ लूंगा मैं आज खजाना।

क,ख, ग की चाबी से मैं,

बटोर लूंगा ज्ञान सारा।


अक्षर से मैं शब्द बनाऊं,

शब्दों से वाक्य बनाऊंगा।

गीता, रामायण, महाभारत

मैं सबको पढ़ता जाऊंगा।


जमा, घटा, गुणा, भाग सीख,

गणित का ज्ञान बढाऊंगा।

नौकरी करूं या बनूं व्यापारी,

मैं अपनी तूती बुलवाऊंगा।


परिवार, गांव, समाज के हित,

मैं अच्छे काम कराऊंगा।

भ्रष्टाचार को खत्म करने का,

मैं तो बीड़ा उठाऊंगा।


वीर शिवाजी सा वीर बनूं मैं,

खूब तलवार चलाऊंगा।

राम जैसा आज्ञाकारी पुत्र बन,

मैं जग में नाम कमाऊंगा।


इस क, ख, ग की चाबी से,

अज्ञान का तम मिटाऊंगा।

शिक्षक बनकर मैं देश में,

ज्ञान का दीप जलाऊंगा।



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