मातृभाषा का सम्मान
मातृभाषा का सम्मान
सुनो-सुनो तुम भारतवासी,
भाषा बोलते सब न्यारी-न्यारी।
रंग-बिरंगे फूलों जैसी,
खिलती है हर क्यारी-क्यारी।
कोई बंगाली, कोई गुजराती,
कोई मलयालम, सिंधी बोले।
सब भाषाओं में उत्तम लगती,
जो भी भाषा हिंदी बोले।
अंग्रेजी से बढ़कर अपनी भाषा,
हिंदी लगती मुझको प्यारी है।
क्योंकि हिंदी भाषा तो,
दुनिया में सबसे न्यारी है।
हम सबकी बनती जिम्मेदारी है,
हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाना है।
हिंदी की खोई साख को,
फिर वापिस बनाना है ।
यही भारत की जान हिंदी है,
यही भारत की शान हिंदी है।
मुझे गर्व है अपनी भाषा पर,
मेरा अभिमान हिंदी है।