हिंद की फुलवारी हिंदी
हिंद की फुलवारी हिंदी
भारत की फुलवारी में गूलाब जैसी है हिंदी,
हर भारतवासी के दिल में राज करती है हिंदी।
सभी विदेशी भाषाओं से सुंदर लगती है हिंदी,
एक- दूजे में अपनेपन का राज है हिंदी।
देवनागरी लिपि है इसकी, संस्कृत से जन्मी है हिंदी,
हर अक्षर की एक ही ध्वनि ना अंग्रेजी जैसी है हिंदी।
एक अनुस्वार बदल देता है अर्थ शब्द का,
देखो कितनी कमाल की भाषा है हिंदी।
पर अपने घर भारत में एक दिन याद क्यों करते हैं हिंदी,
पराई भाषा अपनाकर क्यों उसमें हर काम करते हिंदवासी।
हिंदी को देना बढ़ावा, छोड़ दो भाषा पराई,
दिल खुश कर देगी सबका हिंदी अपनाओ छोड़कर भाषा पराई।
हिंदी भारत का ताज है,मस्तक पर सजाओ हिंदी,
स्वदेशी की रट लगी है अपनाओ सब मिलकर हिंदी।
अंग्रेजी को रस्ता दिखा दो,नंबर एक पर लाओ हिंदी,
हिंदी को सम्मान मिलेगा दिल से सब अपनाओ हिंदी।