बिटिया दिवस पर----मेरी बेटी
बिटिया दिवस पर----मेरी बेटी
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धड़कन बेटी दिल की तू,
तू ही मेरी आरजू है।
हर लम्हा ऐसे जी रही,
जैसे परियों की रानी है।
जिस दिन तेरा जन्म हुआ,
मैं फूली नहीं समाई थी।
मेरी छाती से चिपकी तू ,
मैंने दुनिया की दौलत पाई थी।
धरती पर तू ने रखा कदम,
नन्हे कदमों से चलने लगी।
धीरे- धीरे हुई बड़ी जब,
काम में हाथ बंटाने लगी।
पढ़ लिख कर तू बनी डाक्टर,
तूने सपना मेरा पूरा किया।
हर लम्हा मैं ऐसे जीती,
बड़ा मुकाम कोई हासिल किया।
ना दान दहेज की चिंता करके,
सब बेटियों के सपने पूरे करो।
खुद ही एक दहेज बनेगी,
बेटियों को इतना समर्थ करो।