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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Children Stories

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Children Stories

नाव मेरी

नाव मेरी

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रंगों की शब्दों की

रंगावली , शब्दावली

नाव मेरी भैय्या पानी में चली 

त से ताली म से माली स से साली 

बन जाती है 

ग से गाली न से नाली ड से डाली 

बन जाती है 

कविता तो चीज़ है ऐसी 

मुखरित मन कर जाती है

डब्बों से खाली डब्बों से 

रेल बनाई रे देखो 

बच्चों ने फिर वो खूब चलाई

रे देखो  

जिसमें ड्राइवर लाला लालू

रे देखो 

दुनिया सबको खूब दिखाई

रे देखो  

ऐसी ऐसी कितनी यादें 

रे देखो

मन को भरमाती हैं 

रे देखो

रंगों की शब्दों की

रंगावली , शब्दावली

नाव मेरी भैय्या पानी में चली

कालू आया शालू आई 

सँग सँग अपने मठ्ठी लाई 

देखो ढफ़री की ताल पे सबको नचाती

गीत प्रेम से हिल मिल गाती 

ता था थैया राग सुनाती 

ढोलक पे वाह ढोलक पे बाँसुरी बजाई

वाह वाह ढोलक पे 

बँन सुरी बजाई रे देखो 

रंगों की शब्दों की

रंगावली , शब्दावली

नाव मेरी भैय्या पानी में चली.


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