प्यारी ख़्वाहिश
प्यारी ख़्वाहिश
आज दिल में उभरी है ऐक
ख़्वाहिश बेताब तेरे दीदार की
मीठी मिसरी सी,
नमकीन अदा सी।
नीली पीली रेशमी ओढनी ओढ़ कर
नाचती गाती थिरकती हुई जाग उठीं
एक ख्वाहिश
मन के कीसी छोटे से कोने में
उसकी ऐक झलक पाने की।
रौशन हो उठी दिल की महफ़िल
दिल की सब्ज़ परी सी ख्वाहिश,
जाग उठी
तेरी चाहत में
कुछ कर गुजर जाने की।
तमतमाती लज्जत सी
एक ख्वाहिश
मुझ पर तेरा हक़ जताने की
ऐक नन्हीं मुन्नी सी
नाजुक ख्वाहिश।
लेती है अंगड़ाइयाँ,
रकासा सी
झूमती गाती मेरे कानों में
गुदगुदाती, कहती है मुझसे
एक झलक जो देखूँ तुमको
गालों पर नमियाँ घुल जाये।
होठों पे मुस्कान बिखर जाये,
रात के तम में साया जो
दिखे तेरा पूरे आलम पर
चाँदनी बिखर जाये,
फूलों सी नरम चाँद सी ठंडी
उभरी है एक ख्वाहिश ,
नीली पीली ओढ़नी ओढ़े
नाचती गाती थिरकती हुईं
बेताब तेरे दीदार की दिल में
उभरी है एक ख्वाहिश।