Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Neerja Sharma

Abstract

4.7  

Neerja Sharma

Abstract

हाऊस वाइफ बनाम गूगल

हाऊस वाइफ बनाम गूगल

1 min
615


कुछ दिन पहले पढ़ी थी एक पंक्ति

एक घर का गूगल होती है हाउस वाइफ

गूगल बाबा की तरह घर की

हर चीज सर्च होती है उस में

सारा दिन आवाजें गूँजती हैं

अजी सुनती हो..


माँ - माँ....

बहु -ओ -बहु....

वो घूमती रहती है इन्हीं

आवाजों के चारों ओर

किसी की भावना को ठेस न पहुँचे 

चार पैर और आठ हाथों से करती है काम 

हर काम उसके लिए कर्तव्य

सुघड़ गृहिणी जो है वो...


कभी सोचा किसी ने ?

उसके पास भी एक दिल है 

जो धड़कता भी है 

सब का प्यार पाने को ...

बाहर से आने वाले कहते हैं

बहुत थक गया हूँ /गयी हूँ

आज बहुत काम था 

एक कप गर्म चाय हो जाए 

यह कोई नहीं पूछता 

कैसी हो तुम ?


कैसा था दिन ?

क्या किया दिन - भर ?

आफिस में कई कप पीकर भी 

घर में फिर फरमायश....

एक दिन खुद बनाकर पिला कर देखो 

दुनिया ही बदली पाओगे

घर के इस गूगल बाबा की

एनर्जी डबल हो जाएगी 


उसकी भावनाओं का वेग भी सहज रहेगा 

परिवार का हर सदस्य

जितनी आशाएँ उससे रखता है 

उसका आधा भी दे अगर उसे

विश्वास करो ...

किसी को सर्च की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी 

हर चीज अपने आप ....

सुचारू रूप से ...

बस अपने गूगल बाबा को


प्यार से सहेज कर ,

संवार कर,

सम्मान व लाड़ का इज़हार कर रखो.....

विचार अपने -अपने 

ख्याल अपना-अपना 

पाने से ज्यादा मज़ा देने में है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract