पहला नशा
पहला नशा
कभी देखा तेरा चेहरा शीशे पे
देखा कभी दिल के दरवाजे पर|
लौट आने तक खामोशी ही रही
जब तक तू आयी सांसें रुक गयी |
इतना क्यूं करवाया इंतजार
दिया क्यूं सदियों का प्यार |
धड़कनें समझ में न आयी तुम्हें
प्रेमी न सही
दोस्त तो बनाती मुझे ||