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खोयी हुइ यादें

खोयी हुइ यादें

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बीते लम्हों की कमी नहीं थी, कुछ खुशीभरी,

तो कुछ दर्दनाक, सब थे यादगार।


पल बहुत बीत गए, लोग बदल गए,

हालात बदल गए, दुनिया बदल गयी।


जो दोस्त थे, जोह जिगरी दोस्त कहलाते थे,

क्या करे, आज दोस्त ही न रहे।


हाँ सच हैं ! मैं भी बदला, तुम भी बदले

लेकिन वह पल वह यादें, वह खुशियां वह गम न कुछ बदले।


बिना कुछ आंच पहुंचाए, हैं मेरे दिल में, एक अमानत की तरह,

आज कुछ करता हु में, तो वोह उसकी चौकीदारी।


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