भारत महान की सुनो कहानी
भारत महान की सुनो कहानी
सुनो गाथा भारत महान की
भरत शिशु बालपन में गिनता शेर के दांत जहां,
वीर भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद नेता जी हैं जिस मिट्टी की शान ,
भारत देश जिसका नाम अमर चिरकाल से।
इस मिट्टी से आओ करें तिलक बड़े ही आन मान शान से।
ज्ञानदेव ने दिया खेल सांप सीढ़ी का ,
नाम था मूल जिसका मोक्षपट दर्शाते सांप अवगुणों को ,
सीढ़ियां वरदानों का करती प्रतिनिधित्व ।
सोचो ज्ञान दर्शन की आधारशिला तक्षशिला यही ,
ज्ञान के भंडार का आलय नालंदा ।
तक्षशिला नालंदा का सानी नहीं आज भी संसार में,
है यह धरती ज्ञान की बलिदान की।
थाल सजाकर करो आरती मानो चारों धाम जय मां भारती।
चरक रच गए आयुर्वेद, भास्कराचार्य खगोल शास्त्र। बुधायन बता गए पाई का मूल्य निकालना कहलाया जो पाइथागोरस का प्रमेय। सुश्रुत जनक शल्य चिकित्सा के कहलाए, दशमलव प्रणाली देन विश्व को भारत विशाल की ।पत्थर निर्मित वेधशाला जंतर मंतर बनवाया जयसिंह महान ने ,
आज भी करता है वह आश्चर्यचकित !
बुला रहा तुमको आओ देखो गुनो तो महानता के गीत नए।
विशाल डाक व्यवस्था अपने भारत महान की ,
काशी है सबसे प्राचीन नगरी करते वास जहां महादेव है।
मां गंगा है पावन सरिता लगता भव्य अद्भुत कुंभ जिसके तट ,है परिचायक भारतीय अध्यात्म ,ज्ञान और विभिन्न संस्कृतियों के पावन मेल के संगम का ।
पर्व यह विशाल अनूठा विश्व प्रसिद्ध ।
जीरो भी है देन अपने भारत महान की।
है त्योहारों छुट्टियों की संख्या सबसे अधिक भारत विशाल में ।
क्या-क्या गुथे शब्दों में महानता की गाथा है शब्दों से परे ।
वीर शिवाजी राणा प्रताप की भूमि में महान हैं,
वीरता और साहस का दूजा नाम लक्ष्मीबाई जन्मी यही।
त्याग की प्रतिमूर्ति पन्नाधाय रघुकुल की नीति प्रीति परंपरा आदर्श है जहां कण कण में समायी
है आदर्श हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
गीता का उपजा ज्ञान यही।
पवित्र निश्छल प्रेम का पाठ पढ़ाते राधेश्याम यही ।
चिंतन की यह धरती है वंदन की यह धरती।
ज्ञान संस्कृति अक्षुण्ण अखंड धारा है प्रवाहित चिरकाल से।
तन मन धन निज प्राण और हर एक सांस से आओ करें राष्ट्र आराधन।
