ना था मेरे लिए
ना था मेरे लिए
चाहा तो सही
दिल का दर्द
पाने के लिए ,
आये थे सही
मुझे छोड़ जाने के लिए
कुछ तो असर था
मेरे इश्क का
तभी तो आये थे
समझाने के लिए
तू झिल का पानी
बनकर आई थी
मेरी प्यास बढ़ाने के लिए
समुन्दर था आँखों में तेरी
पर ना था वो मेरी प्यास
बुझाने के लिए