चंदा सी ठांव
चंदा सी ठांव
चंदा सी ठांव हो
पेड़ों की छाँव हो
जहाँ देवों के पाँव हों
घर ऐसा होना चाहिए।
जहाँ कोयल की कूक हो
पायल की रुनझुन हो
सरगम की गुनगुन हो
घर ऐसा होना चाहिए।
जहाँ बुजुर्गों का मान हो
छोटों का सम्मान हो
आपस में विश्वास हो
घर ऐसा होना चाहिए।
जहाँ स्नेह रूपी माल हो
कर्म रूपी चाल हो
मर्म रूपी ज्ञान हो
घर ऐसा होना चाहिए।
जहाँ ईश्वर में आस हो
धर्म में विश्वास हो
फर्ज का अहसास हो
घर ऐसा होना चाहिए।
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पूनम श्रीवास्तव
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