मेरा हिंदुस्तान
मेरा हिंदुस्तान
बनावटी नफरत,बनावटी लड़ाई,
ऊपर ऊपर क्रोध,अंदर तो मोहब्बत है भाई,.
देश एक परिवार है, परिवार में जब कलह है,
तो बेशुमार प्यार है,चीन हो या पाकिस्तान,
निभाकर तो देखे दुश्मनी,तब न कोई,
हिन्दू, सिख, ईसाई,या मुसलमान, सिर्फ एक ही नारा,
जय जवान, जय किसान जान देने को आतुर फौजी,
रक्तदान की लगी कतार है कल का विभाजित दिखता देश,
अनूठी एकता, अनोखे जोश के साथ तैयार है.
जाति न सम्प्रदाय,ऊंच न नीच---
बस इंसान ही इंसान,और इंसानियत,
26 जनवरी हो या 15 अगस्त,
स्वागत को, बच्चा, बच्चा तैयार है ये है अखंड भारत,
जहां चप्पे, चप्पे में प्यार है।
