कहीं देर ना हो जाये
कहीं देर ना हो जाये
कौन जाने मौत के बुलावे पर, डॉक्टर कब साइन कर दे
क्यूँ ना आज से अभी से हम वही करें जो हमें सुकून दे
दूसरों के बनाये हुए नियमों से खुद को आजाद कीजिये
कल वाले परिणामों के भय से, खुद को स्वतंत्र कीजिये
अपराध बोध छोड ज़िंदगी को, खुल के साँस लेने दीजिये
उमर और वजन जैसी संख्याओं को अपने से दूर रखिये
गर रक्तचाप मधुमेह है, डॉक्टर को चिंता करने दीजिये
खड़ूस एवं चिड़चिड़े नहीं, हँसमुख लोगों से रिश्ता रखिये
अगर कभी आँसू आते हैं उन्हें आने दीजिये, रो लीजिये
जीवन में सरल साधारण, छोटी चीजों का मज़ा लीजिये
खूब हँसिये और जब तक जीवन है तब तक जिन्दा रहिये
आपकी ज़िंदगी सबसे अच्छा कर्मचारी का मैडल नहीं है
आपकी ज़िन्दगी आपके शौक, और आपकी नादानियाँ हैं
ज़िंदगी आपकी हँसी है, उत्सव मनाइये, शरारत कीजिये
आपकी ज़िंदगी बेसुरे गीत और आपकी अपरिपक्वता है
आपकी ज़िंदगी शैतानियाँ या फिर एक बेतुकी कविता है
पूर्ण बनाने के चक्कर में जीना नज़रअंदाज मत कीजिये
जीने के लिये मौत के बुलावे का, इन्तजार मत कीजिये
‘योगी’ अपनी ज़िन्दगी, कैंसर बन जाने से बचा लीजिये।।