भुला
भुला
गलतियां इंसान से ही होती है
भूल को भूल ही कहते हैं
घर कोई चला जाये अचानक
जरूरत के वक्त छोड़कर
पर जब इस बात का एहसास हो
और आ जाये उसी वक्त
सुबह का भुला कभी
गर लौट आये शाम को
तो सब गिले शिकवे भुला
उसे अपना लेना चाहिए।
इंसान गलतियों का पुतला जो ठहरा
माफ कर बड़प्पन दिखाना चाहिए।
अपना हृदय बढ़ा कर अपना लेना चाहिए।
यही सच्ची इंसानियत व मानवता की सीख है।