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Prashant Shinde

Romance

3  

Prashant Shinde

Romance

प्रपोज डे अभंग...!

प्रपोज डे अभंग...!

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हूर हूर मनी।असावी प्रेमाची।

फेरी ही नेमाची।सदाचारी।।

मन ही निर्मळ।तन ही निर्मळ।

सरो अमंगळ।देखोनिया।।

प्रभात असो वा। असो सायंकाळ।।

सदैव सुकाळ । प्रेमासाठी।।

आज नेम साधा।प्रपोज कराया।

दुःखची सराया।कायमचे।।

पहावे हसून।बोलावे नमून।

थोडेसे लाजून।मनोमनी।

पाहिलं क्षणात।मागेच वळून।

साद ही देऊन।प्रेमापोटी।।

झाले निम्मे राज्य।जिंकाल तुम्हीही।

केले ते आम्हीही।जीवनात।

आता शिल्पकार।तुम्हीच आहात।

घ्या सूत्रे हातात।धाडसाने।।

एक क्षण पुरे।जाणण्या प्रियेस।

पोरकी मायेस।असतेकी।।

मिळे प्रेम नक्की।अनुभव साजा।

येते वेगे मजा।जीवनात।।

सुख समाधान।शांतीची प्रचिती।

येते आत्म्या गती। जाणोनिया।

रोज डे महान।भागते तहान।

प्रेमात हे भान।आल्यावर।।


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