मन मोहसे बहावा
मन मोहसे बहावा
ग्रीष्म ऋतूमा फुलसे
देसे मनला ओलावा |
मस्त पिवरा सोनुला
मन मोहसे बहावा ||१||
कर्णफुल डुल वानी
कानमाका अलंकार |
गुच्छा फुलका सोनेरी
जसा नवलखा हार ||२||
आव वाराकी झुळूक
कर मंत्रमुग्ध बास |
रस पिवनला गर्दी
किट पाखरुंकी खास ||३||
फुल मोठा बहुगुणी
करसेती तरकारी |
भज्या तेलमा तरके
खानलाई गुणकारी ||४||
पान हिवरा कोवरा
आयासेत फुलसंग |
बिच बिचमा झाड़को
दिस मनोहारी रंग ||५||
जरे पर जखम ला
पान मोठो गुणकारी |
दुर कर ताप अना
सुखी खाँसीको विकारी ||६||
लंबी लंबी गोल शेंग
पोटसाती गुणकारी |
बारतीन टुरु अना
प्राणीसाती हितकारी ||७||
बहावाकी साल जड़ी
आव दवाईको काम |
धुंगी काढ़ा भी करसे
ताप सर्दीला तमाम ||८||
बनसेती खोड़लका
खेतीमाका अवजार |
जरावन आय जासे
काम लकड़ी बेकार ||९||
असो बहुगुणी झाड़
लगावोना एकतरी |
देख हिरवो श्रृंगार
तृप्त होये धरतरी ||१०||
