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Govardhan Bisen 'Gokul'

Inspirational Others

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Govardhan Bisen 'Gokul'

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मन मोहसे बहावा

मन मोहसे बहावा

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ग्रीष्म ऋतूमा फुलसे

देसे  मनला ओलावा |

मस्त  पिवरा सोनुला

मन   मोहसे  बहावा ||१||


कर्णफुल  डुल  वानी

कानमाका  अलंकार |

गुच्छा फुलका सोनेरी

जसा   नवलखा  हार ||२||


आव  वाराकी झुळूक

कर   मंत्रमुग्ध   बास |

रस   पिवनला   गर्दी

किट पाखरुंकी खास ||३||


फुल मोठा बहुगुणी

करसेती    तरकारी |

भज्या तेलमा तरके

खानलाई गुणकारी ||४||


पान  हिवरा  कोवरा

आयासेत    फुलसंग |

बिच बिचमा झाड़को

दिस   मनोहारी   रंग ||५||


जरे  पर    जखम ला

पान   मोठो  गुणकारी |

दुर   कर   ताप  अना

सुखी खाँसीको विकारी ||६||


लंबी  लंबी  गोल शेंग

पोटसाती    गुणकारी |

बारतीन    टुरु   अना

प्राणीसाती  हितकारी ||७||


बहावाकी साल जड़ी

आव  दवाईको काम |

धुंगी काढ़ा भी करसे

ताप  सर्दीला  तमाम ||८||


बनसेती  खोड़लका

खेतीमाका अवजार |

जरावन आय जासे

काम लकड़ी बेकार ||९||


असो बहुगुणी झाड़

लगावोना   एकतरी |

देख  हिरवो  श्रृंगार

तृप्त   होये  धरतरी ||१०||


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