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Shrikant Dixit

Classics

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Shrikant Dixit

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कविता

कविता

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शब्द शब्द माझे। अंतर्यामी साद

घाली काव्यनाद। मनांगणी ॥१॥


प्रसवती काव्य। मनातील भाव।

घेई बघा ठाव। पदोपदी॥२॥


सजुनिया येते। आकार उकार।

शब्द अलंकार। सर्वार्थाने॥३॥


जो न देखे रवी। कल्पना विलास।

भास न् आभास। पाहूनिया॥४॥


अक्षर कोंदण। विसरूनी भान।

गुंफू क्षणोक्षण। काव्यमाला॥५॥


रमणीय काव्य। होते श्रवणीय।

अति भावनीय। ऐकायास॥६॥


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