गाडगे महाराज
गाडगे महाराज
देव नाही देव्हा-यात| अन् नाही मंदिरात|
कधी कळेल माणसा| शोधीशी चराचरात||
लिंबू मिरची बिबवा| करामत नोहे ठायी|
कारे भुलतो दगडा| नाद कसा या भूवरी||
देव अंगात जागतो| जर नवसा पावतो|
मग दरड कोसळे| देव कधी का धावतो||
नाद खुळा हा श्रध्देचा| त्यात दडे अंधश्रध्दा|
तूच निर्मिली संस्कृती| घे मानवतेचा वादा||
हाती घेवूनिया झाडू| करी डेबूजी किर्तन|
नेत्री घालूनी अंजन| जागवती ते विज्ञान||
कसा सुपर पॉवर| हर गल्लीत टॉवर|
पोट जयांचे भागते| दावी देवाचा आदर||
थोतांड जाण अंतरी| माणूस माणसा तारी|
भुकेल्या जीवा भरवी| तेच पुण्य घे पदरी||
दरी आस्तिक नास्तिक | तोड शृखंला मनाची|
गाडगे बाबा सांगती| आस धर निसर्गाची||
