ज़िन्दगी से गुफ़्तगू
ज़िन्दगी से गुफ़्तगू


किसी ने कहा कि बढ़े चलो और हमने बड़ी गहराई से इसे मान लिया। बढ़ते रहे चलते रहे और कुछ इस जुनून से कि शायद हम जीना ही भूल गए ।हमने अपनी खुशी को किसी खास चीज से जोड़ दिया और बस उसे पाने की जद्दोजहद में लग गए। आज जब सब कुछ ठप पड़ गया है तो क्यों न कुछ पल अपने भीतर झांकने में गुज़ारे जाएं।
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं इस वक़्त का भी यही हाल है , चाहे तो हाथ पर हाथ धरे न्यूज़ चैनल पर दिनरात कान लगाए कोफ्त पैदा करते रहें या चाहें तो कुछ ऐसा करें जो आपके दिल को सुकून दे। एक राय समझ लीजिये मुझे लगता है इस वक़्त को हमें अपने भीतर झांकने और खुद को तराशने में गुजारना चाहिए और शायद ये वक़्त भी हमसे यही चाहता है।
आज केवल यही दुआ कि ऊपरवाला हमें अपनी कमियों को देख सकने की क़ूवत बख्शे आमीन !