मैं प्रेम का पुष्प नहीं रखता पर वो भीतरी भावनाएं मिलाती है। मैं प्रेम का पुष्प नहीं रखता पर वो भीतरी भावनाएं मिलाती है।
अन्दर कार्यक्रम शुरू हो चुका था। बच्चे माइक पर गीत गा रहे थे। अन्दर कार्यक्रम शुरू हो चुका था। बच्चे माइक पर गीत गा रहे थे।
मोह, हवस और लालच की डोर से बंधी तीन कठपुतलियां अपने ही जाल में फंस गई थीं। मोह, हवस और लालच की डोर से बंधी तीन कठपुतलियां अपने ही जाल में फंस गई थीं।
हमें अपनी कमियों को देख सकने की क़ूवत बख्शे आमीन ! हमें अपनी कमियों को देख सकने की क़ूवत बख्शे आमीन !
सब तरफ देख पाएं ऊपरवाला हममें इतना आत्मविश्वास भर दे! सब तरफ देख पाएं ऊपरवाला हममें इतना आत्मविश्वास भर दे!
"आंटी, पालक होते तो हम पालक क्यों बेचते ?" "आंटी, पालक होते तो हम पालक क्यों बेचते ?"