ये कैसा प्यार भाग-१२
ये कैसा प्यार भाग-१२
"...संजू...तुझे मजाक सूझ रही है...मुझे नहीं लगता...वो मुझे सिर्फ एक अच्छा दोस्त मानती है...वो मैंने कहा न दोस्ती टूटी और।"
"...और उसने ऐसा किया...यही कहना चाहता है न तू...माई डियर फ्रैंड...तुझे लगता है अंजलि जैसी समझदार लड़की किसी से दोस्ती टूटने पर जान देने की कोशिश करेगी...ऐसा सिर्फ प्यार के केस में होता है सिर्फ प्यार के केस में...!"
"...नही संजू !...मैं नहीं मानता...!"
"...और मैं भी नहीं...क्योंकि अगर अंजलि जैसी फ्रैंक लड़की के दिल में ऐसा कुछ होता तो वह कब के सोनू से कह देती..."
"...ह्म्म्म...ये प्यार चीज ही एसी है राज...आप सब से कह सकते हो आई लव यू...पर उससे नहीं कह सकते जिसे चाहते हो...उससे कहने में डर लगता है...जुबान साथ नहीं देती...कितनें ऐसे उदाहरण हुऐ हैं...।"
"...मुझे तो संजू की बातों में दम लगता है राज...।"
"विजय तू भी संजू का समर्थन कर रहा है...? तुम्हें पता है उसके बाद उसने खुद गलती मानी और कहा कि वो हमेशा अच्छी दोस्त बनी रहेगी...।"
"...अगर उसने ऐसा कहा...तो मैं कुछ नहीं कह सकता...।"
"...लेकिन मैं अब भी कहता हूँ मुझे पूरा यकीन है और मैंने इस संजय ने कभी भी किसी लड़की लड़के के बारे में गलत नहीं अंदाजा लगाया...।"
"...बस करो संजू...तुम्हारी बातें भी न ओफ्फ!...( घड़ी देखकर)...अरे सवा बारह...मेरी क्लास है...चलता हूँ बाय...(चला जाता है)"
संजय-(उसे जाते हुए देखकर)..."माई फ्रैंड...छुड़ा ले मेरी बातों से पीछा...मान जा सोनू ऐसा ही है और ये बातें सच बनकर जिस दिन तेरे सामने आएगी...देर हो चुकी होगी...फिर वो तूफान आएगा कि तेरा क्या होगा वही ऊपर वाला जाने...।"
"...विदाऊट एनी प्रूफ इतना स्योर कैसे कह सकते हो यार...।"
"...लगता है विजय...इसे भी कभी किसी से प्यार हुआ है तभी तो...हा हा हा...।"
"नहीं यार...ये तो मेरा गेस है...आई डॉन्ट लाइक लव...प्यार..इश्क...मोहब्बत...आई वॉन्ट ओनली मस्ती...।"
"तू भी न संजू कमाल की चीज है यार...कमाल का आदमी है....हा हा हा।"
[ तो दोस्तों ! हैं न अपने संजय बाबू कमाल की पर्सनैलिटी...एकदम राइट...इन्होंने तो अपनी राय दोस्तों को बता दी...और आपने देखा कि संजय बाबू ने एकदम सही अंदाजा लगाया है...फिर ये तीनों भी क्लास में चले जाते हैं ]