ये कैसा प्यार (भाग-15)

ये कैसा प्यार (भाग-15)

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 "अबे छोटू..तेरे से नही मिलना है..अपने को उनसे मिलना है...( अंजलि और निकिता की तरफ दो अंगुलियाँ उठाता है) "

"...तमीज से बात करिऐ....... "

"...आइला....अपुन को तमीज सिखा रेला है ( सभी हँसते हैं) अबे हट न सूखे.....टेडे.. "

( विजय के कन्धे में हाथ रखकर धक्का देता है ये देखकर उसके तीनों दोस्त गुस्से में आ जाते हैं और साथी गुण्डे जोरों से हँसते हैं)

"...ओए तेरी तोsssss......( राज गुस्से में मुठ्ठियाँ भींचता है) ... "

"..राज..तुम ठहरो मैं बात करता हूँ.. "

"..क्या..सोनू ये बात करने लायक हैं उसने विजय को मारा ..इसकी तो....... "

( राज आगे बढ़ने को होता है सोनू रोक देता है तभी निकिता बोल पड़ती है)

"..प्लीज नो नो..लड़ाई नही करना...मुझे डर लगता है... "

सोनू- आप डरिऐ नहीं ...हम आराम से समझाते हैं.. "

अंजलि- "...ये बात करने लायक हैं..? ...कितने बेशर्म हैं... "

( गुण्डों के फिर ठहाके गूँजते हैं)

"....लेकिन अंजलि हम यहाँ तमाशा नही कर सकते... "

"..पर ये हैं कौन..सारे गुण्डे लगते हैं... "

"...बस अब और कुछ बोला तो इन्हें छोडूँगा नही..... "

"...संजू कंट्रोल यार.... "

( इतने में लम्बे बाल वाला गुण्डा अंजलि के पास पहुँचकर उसका हाथ पकड़ने की कोशिश करता है...)

 "...हाऐ....आई एम राहुल...द फॉरमर सेक्रेटरी ऑफ दिस कॉलेज...तेरे जैसी हसीनाओं को अपने ग्रुप में होना चाहिऐ...हा हा "

"...मिस्टर...मुझे तुझसे कोई इन्टरोडक्शन नहीं लेनी...तेरे जैसे तो मेरी जूती में जाऐ.... "

"...ऐ....लड़की...! भाई को ताव मत दिखा... "

( राहुल के साथ का दूसरा लड़का बोल पड़ता है)

"..रहने दे रोशन...!..छोकरियों के नखरे ही ऐसे होते हैं..स्टार्टिंग है यार....हा हा हा....( सभी गुण्डे हँसते हैं) "

( तभी अंजलि जोर से एक थप्पड़ राहुल के जड़ देती है.......)

चटाssssssssssssssssक  !!

"...और अगर स्टार्टिंग ऐसी हो तो क्या कहोगे......? "

( दूसरा गुण्डा अंजलि की तरफ बढ़ता है) 

"...साली....! भाई को थप्पड़ मारती है.........! "

" ओऐ तेरे को भी खाना है क्या......? "

( इतने में राज आगे बढ़कर उसे धक्का देता है वह पीछे गिरता है ये देखकर सब गुण्डे राज पर झपटते हैं और उसे मारने लगते हैं सोनू और संजय भी गुण्डों के ऊपर टूट पड़ते हैं... )

"..ऐ रूक ..! ..हमारे दोस्त को मारता है.....तुम्हारी तो....! "

निकिता- "..प्लीज! ( डरे हुऐ स्वर में) ...लड़िऐ मत..!.वो लोग खतर नाक हैं...प्लीज चलिऐ यहाँ से..... "

अंजलि- "...निक्की..वो राज को मार रहें हैं तुम उन्हीं को रोक रही हो... "

( निकिता की आवाज सुनकर गुण्डे राज को छोड़कर निकिता की तरफ बढ़ते हैं)

"...ये समझदार लगती है....हमसे नही भिड़ने का...कीमा बना देंगे तुम्हारा...( निकिता की तरफ बढ़कर) ...हाऐ जानेमन तू चलती क्या अपुन के साथ.... "

"...प्लीज हमें जाने दीजिऐ..हमें आपसे कोई बात नही करनी... "

"...हाय क्या अदा है...ऐssss...इसे अपनी हीरोइन होना चाहिऐ... "

"..ऐssssssssssss !!!!!!!!! "( सोनु चीख पड़ता है) "

"...ऐ सालों को पकड़ो...ये लौंडिया अपने को पंसद आ गयी है...अब तो इसको लेकर ही जाऐगा "

( राहुल आगे बढ़कर निकिता का हाथ पकड़कर खींचता है)

"...ओऐ.....लड़की को छोड़ ! ....( सोनु भयंकर हो जाता है वह जोर से चीखकल अपने को पकड़े हुऐ गुण्डों को फेंक देता है और तेजी राहुल की तरफ बढ़कर उसकी ठोडी पकड़ लेता है)

"....लड़की को हाथ भी मत लगाना साले... ( उसकी आँखों में घूरता है) "

"...ऐ मारो साले को..( अपने को छुड़ाकर फिर निकिता को अपनी तरफ खींचने को होता है)

"...कमीने...मैंने कहा न दूर हट...( जोर से राहुल पर पंजा मारता है राहुल निकिता से काफी दूर गिरता है निकिता सोनू के इस रूप को देखकर दंग रह जाती है और अंजलि और उसके दोस्त भी...इसके बाद वो भी गुण्डों पर टूट पड़ते हैं सोनू बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में गुण्डों को मार रहा है यह देखकर संजय भी उन पर टूट पड़ता है)

 ".......तेरी *************! .......आज सालों तुम्हें अपनी ब्रेक फाइट दिखाता हूँ............ "

( संजय बड़े ही डांसिंग अंदाज में गुण्डों को पीटता है.....यह सब देखकर राज,विजय,निकिता और अंजलि भौंचक्के देखते रह जाते है....राहुल के साथी अधमरे होकर भाग खड़े होते हैं फिर भी राहुल और सोनू की फाइट जारी है)

"....अबे तेरे को भी अपनी ब्रेक फाइट...... "

"...नही संजू...इस साले से मैं ही निपटूँगा.... "

".......*********..... आजा..********** लडकी के सामने हीरो बनता है उस हरामजजादी **** को मैं *****! "

( यह अपशब्द सुनकर सोनू पागल हो जाता है और सोनु राहुल पर बुरी तरह पिल पड़ता है)

"...कमीनेsssssssss....... "

( सोनू राहुल को बुरी तरह मारता है राहुल के मुँह से खुन निकलने लगता है फिर भी सोनू उसे पीटे जा रहा है...यह देखकर अंजलि उसकी तरफ बढ़ती है)

"...सोनू छोड़ दो उसे वो मर जाऐगा......!! "

"...नहीssss...इसे नही छोडूँगा...... "

"....उसे छोड़ दो मर जाऐगा वो...अब वो ऐसी हरकत लायक भी नही बचा है...छोड़ दो उसे.... "

( राज सोनू के पास जाकर कहता है पर सोनू नी सुन रहा वह उसे मारे जा रहा है)

( अंजलि डरकर सोनूू के सारे दोस्तों को रोकने के लिऐ कहती है राज और विजय सोनू को पीछे से पकड़कर रोकते हैं)

"..सोनू पागल हो गया है क्या...? ...छोड़ उसे! "

( सोनू नही सुनता वह जोर से पीछे हाथ मारता है राज के मुंह पर पड़ती है उसके मुँह से खून निकलता है यह देखकर विजय सोनू की तरफ चिल्लाकर कहता है)

".....सोनू...क्या हो गया तुझे...तूने राज को मारा..... "

"...अरे पागल हो गया है...( रोते हुऐ) कोई तो समझाओ सोनु प्लीज स्टॉप! "

( यह देखकर डरे हुऐ भाव से निकिता सोनू की ओर बढ़ती है और राहुल के चेहरे के आगे सोनू की तरफ हाथ जोड़कर बैठ जाती है सोनू निकिता का आँसूओं भरा चेहरा देखकर रूक जाता है)

"...रूक जाइऐ प्लीज ( रोती है) ....आपने इस जानवर को मारते मारते एक इन्सान का खून भी बहा दिया..प्लीज स्टॉप..!..प्लीज...!!! "

( सोनू जैसे बदहवासी से जागा हो उसे याद आता है कि उसने राहुल को पीटते पीटते राज को भी पीट दिया है वह राहुल की तरफ देखता है जो बेहोश पड़ा है फिर वह राज की तरफ बढ़ता है)

"..र..राज..सॉरी यार...( उसकी चोट की तरफ हाथ बढ़ाकर) "

"व्हॉट सॉरी ..! तूने मुझपर हाथ उठाया...अपने दोस्त पर ! "

"..मुझे पता नहीं क्या हो गया था यार .."

"...ये पागल हो गया था विजय ..पागल! "

"सोनू क्या हो गया था तुम्हें? "

"पता नी अंजलि ...उसने जो गालियाँ दी न...मुझे बरदाश्त नही हुआ बस! "

"...माई फ्रैंड ...आज जो तूने उसकी पिटाई की ...मेरे अंदर भी मिथुन आ गया...तभी तो मैंने भी.... "

"...हाँ यार संजू...तु तो ब्रेक डाँसर मिथुन की तरह मार रहा था वो भी डांस करते करते...वाह संजु यार "


( धीरे धीरे राज भी नॉर्मल हो जाता है सोनू फिर उससे माफी माँगता है)

"...इट्स ओके यार ........फिर हाथ उठाया न ..मेरा भी हाथ उठ सकता है... "

" ओके ओके ...चाहे तो अभी मार ले.........हा हा "

( फिर सब हँस पड़ते है फिर विजय बोल पड़ता है)

"इसने कहा था न कि आज दिन खराब जाने वाला है और हो गया न दिन खराब? "

( फिर सब हँस पड़ते है)


" ....दिन तो हम सभी का खराब हुआ है...सच बताऊं जिन्दगी में पहली बार लड़ाई हुई है किसी...पर इतनी बुरी तरह किसी को मारा...खुद पे यकीन नही होता यार...... "

( यह सुनकर निकिता उसकी तरफ देखने लगती है बाकी सब अपनी गप्पों में व्यस्त है) 

".....यार राज क्लास तो शायद आज लगने वाली नही..मुड भी खराब हो गया है...चलो अब घर चलते हैं... "

"..हाँ यार ...चलें सोनू.... "

( सोनूू को खींचता है सोनू जैसे होश में आया है)

( तभी अंजलि कहती है)

"...अरे सोनूू...सोनू कल तुम्हे मेरे घर आना है और सबको भी... "

".....क्यों भई ? "

"...तुम्हें याद नही सोनू....? "

".....अरे हाँ कल तेरा बर्थडे है.... "

"...रियली...फिर तो कल पार्टी..... "

"...हाँ पर मैं गिफ्ट भी लेती हूँ "

"...उसकी फिक्र मत करें एक से एक लाऐंगे....हा हा "

"...तुम्हारी फ्रैंड्स भी आऐंगी न? "

( सोनु ऩिकिता की तरफ देखकर कहता है निकिता उसकी बात से समझ जाती है कि वह उसके लिऐ कह रहा है पर अंजलि इससे अंजान है)

" हाँ मेरी सभी दोस्त आऐंगी और निकिता तू तो आऐगी ही न? "

" वाऊ मजा आऐगा " 

" तू क्यों उछल रहा है संजू ? "

"..वो ऐसे ही यार  .... "

( शरमा जाता है )

"अच्छा अंजलि अब चलते हैं कल कितने बजे आना है? "

"..शाम को पाँच बजे...सभी पहँच जाना टाइम से! "

( सभी एक दूसरे को बॉय कहकर निकल पड़ते हैं)


(क्रमश:)


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