यादगार हिंदी-दिवस
यादगार हिंदी-दिवस
मेरा नौकरी का सफर शुरू हुआ ही था, उपायुक्त द्वारा विद्यालय-प्रशासन, आरटीआई एवं राजभाषा हिंदी का कार्य सौंपा, कहा- आप हिंदी में यह कार्य सरलता पूर्वक कर सकती हैं।
उस दिन स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया, देश की सम्माननीय भाषा में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसमें मेरी रूचि प्रारंभ से रही है।
कार्यालय में हिंदी-पखवाड़ा मनाने के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होनी थी, अधिकारियों के प्रेरित करने पर मैंने प्रथम बार स्वरचित कविता सुनाई। हिंदी दिवस पर हिंदी-अधिकारी द्वारा कार्य की व्यस्तता के दौरान मुंशी प्रेमचंद की पुस्तक आश्चर्यजनक-पुरस्कार से सम्मानित किया, वह लम्हा महत्वपूर्ण यादगार बना।