वर दक्षिणा
वर दक्षिणा
"देखिये टंडन साहब, अब कोई तरकारी तो है नहीं जो हम तोल मोल करें। हमारा बेटा कोई छोटा सरकारी अफसर नहीं बल्कि आई ए एस है, तो इतना डिमांड करना तो बनता है। बाकी लड़कियों की कोई कमी नहीं... आप अगले दो दिन में हमें सोच समझ कर बतला दीजिएगा।"
क्योंकि सुरभि आकाश को पसंद थी, तो शादी तो वो उसी से करना चाहता है, पर पिताजी के आगे, उनकी डिमांड के सामने वो शांत था। पिताजी ने बड़ी मेहनत से उसे पढ़ाया और उनकी बहुत इज़्ज़त करता है। भले ही आई ए एस बन गया है आकाश लेकिन अभी इतनी हिम्मत नहीं आयी है कि अपने पिताजी का विरोध कर सके।
एका एक आकाश के मन में अपनी आई ए एस परीक्षा का वो सवाल आ गया जिसमें उसने दहेज कैसे समाजिक व्याधि है, पर 1500 शब्दों का बेहतरीन निबंध लिख परीक्षा पास करी थी, पर आज वो वास्तविकता के आगे हारा गया है।