STORYMIRROR

Swapnil Vaish

Inspirational

4  

Swapnil Vaish

Inspirational

मेरे पति

मेरे पति

2 mins
269

स्मिता शाम की चाय लेकर बैठी ही थी कि दरवाज़े पर ललिता को खड़ा देख कर उसे अंदर बुला लिया, "बैठ तेरे लिए भी चाय लेे आती हूं", स्मिता ने अपनी पड़ोसन से कहा

" अरे चाय रहने दे, तेरी सास ने मुझे यहां देख लिया तो बबाल माचा देंगी, मैं जानती हूं वो मुझे पसन्द नहीं करतीं"

" ऐसा कुछ नहीं है ललिता तू बस ज़्यादा सोचती है, वैसे भी वो इनके साथ मंदिर गई हैं, फिर वहां से ही डॉक्टर के पास जायेंगी"

" स्मिता वैसे मैंने देखा है भैया अपनी मां का ध्यान तुझसे ज़्यादा रखते हैं, तुझे लेकर जाते है कहीं बाहर घुमाने? देख आज भी अपनी मां को मंदिर लेे गए तुझे छोड़ कर"

" ललिता पहली बात तो ये कि वो जानते हैं मुझे मंदिर जाने में कोई दिलचस्पी नहीं और दूसरी बात मैं मां बेटे के बीच क्यूं आऊं, उन्हें काम से वक़्त ही कितना मिलता है अम्मा के पास बैठने का"

यदि ध्यान से देखो तो यही जाना है मैंने कि

" जो बेटा अपनी मां का ध्यान रखता है, वो कभी अपनी पत्नी को अकेला या बेसहारा नहीं छोड़ता, हर स्थिति में उसका साथ देता है। मैं तुम्हारे बहकावे में आकर अपने पति का प्रेम और सास कि ममता में आग नहीं लगाउंगी"

आज स्मिता को समझ आ गया कि अम्मा की बूढ़ी नज़रें ललिता को आपने घर में क्यों बर्दाश्त नहीं कर पातीं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational