Shashi Saxena

Horror

3  

Shashi Saxena

Horror

वो रात बरसात की

वो रात बरसात की

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अवंतिका के मोबाइल की रिंग लगातार बजे ही जा रही थी। अवंतिका आखिर कहां हो तुम कहीं ऐसा ना हो कि रात के 12 बज जायें और अगली तारीख आ जाये।

अवंतिका ---- तो क्या हुआ, लग जाने दो अगली तारीख। जब मन चंगा तो कटौती में गंगा।

अभि ----- तो शायद तुम्हें याद नहीं कि आज तुम्हारा जन्मदिन है।

अवंतिका ----- ओ अभि माई डियर हजबेंड, आई नो आई नो वेल एंड वेरी वैल। यही कि आज मेरा हैप्पी बर्थ डे है और तुमने सारी सजावट कर रखी है, केक भी मंगा कर रख रखा है। यहीं ना....

अभि ---- तो फिर आ जाओ जल्दी आ जाओ। अब और इंतज़ार मत कराओ।

अवंतिका ---- हां हां जल्दी ही पहुंच रही हूं, लेकिन अब और फोन मत करना, इस मौसम में वैसे ही गाड़ी संभालना मुश्किल है और तुम्हारे बार बार के फोन से माइंड डिस्टर्ब हो जाता है।

अभि----- ओ के आओ फिर अब मैं फोन नहीं करूंगा।

अभि ने सारी तैयारियां कर रखी थी, अवंतिका की पसंद का खूबसूरत श्वेत केक टेबल पर सजा हुआ था जिसपर गुलाब के फूल लगे हुए थे। बहुत खुश था अभि आज सीटियों पर सीटियां बजाये जा रहा था। मस्त होकर गाने गुनगुनाए जा रहा था। उनके विवाह को मात्र आठ ही मास तो हुए थे। अपने हाथों से आज वो अपनी प्रिय पत्नी डाक्टर अवंतिका सिंहा का जन्म दिन मनायेगा। खुश तो होना ही था।

अवंतिका शाम को ही एक लेडी पेशेंट को संभालने चली गई थी डिलिवरी केस था देर तो लगनी ही थी ना।


अवंतिका भी बहुत ही खुश थी आज अपने प्रिय पति के साथ पहला जन्मदिन जो मनाना है। वह भी खुशी से गुनगुनाती हुई गाड़ी चला रही थी कि....

 अचानक ही आसमान पर काले बादल घुमड़ घुमड़ कर छाने लगे। कुछ ही देर में बारिश की शुरुआत हो गई। फिर एकदम से मूसलाधार बारिश होने लगी।

सड़क लगभग सुनसान ही थी , आखिर ऐसे मौसम में कौन घर से निकलता है। अब बारिश के साथ साथ कड़ाके की बिजली भी रह रह कर चमक रही थी और बिजली की गड़गड़ाहट भी विकराल रूप ले रही थी।  तूफान बारिश और तड़ित तीनों का ही अनोखा संगम शुरू हो गया था।

 एक बार तो अवंतिका का मन करा कि गाड़ी को कहीं रोक ही दें, लेकिन घर पर अभि जो ‌पल पल उसकी प्रतीक्षा कर रहा है।

 अचानक बहुत तेज हवाएं थपेड़े मारने लगी उसे तो ऐसा लग रहा था जैसे कार की खिड़की के कांच ही टूट जायेंगे।

  अवंतिका अब ऐसे भयंकर वातावरण से बहुत घबरा गई।  जल्दी से जल्दी घर पहुंचने की आतुरता में उसने कार की स्पीड बड़ा ही दी कि...  अचानक बहुत जोर की तड़ित गर्जना हुई स्ट्रीट लाइट भी गुल हो गई, शायद तेज हवाओं से तार टूट गये होंगे। अवंतिका के हाथ बाहर मूसलाधार बारिश और घनघोर अंधेरे के कारण स्टेरिंग व्हील पर कांप उठे और एक जोरदार आवाज  हुई।

     भ।।।।।।।।।ड़ा।।।।।।।।।।क 

To be continued



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