वो नायाब तोहफा
वो नायाब तोहफा
बात मेरे जन्मदिन की है। सुबह से शाम होने को आई पर अभी तक मुझे मेरे पतिदेव से कोई तोहफा नहीं मिला था। बस खाली शुभकामनाएं ही मिली थीं। वैसे तो मेरे पति मेरे जन्मदिन पर मुझे मेरी पसंद का उपहार देना कभी नहीं भूलते पर आज तो इंतजार करते-करते मैं मायूस हो उठी थी।
अब संध्या समय मुझे अकेले ही किसी कार्यक्रम में जाना था सो में तैयार होकर घर से नियत समय पर निकल गई। तकरीबन रात्रि के 8:00 बजे जैसे ही मैंने घर के अंदर प्रवेश किया। मेरी बिटिया ने मेरे हाथों में एक गिफ्ट पैक रख दिया। मां, यह आपके लिए है। उसके ऐसा कहते ही मैं गुस्से से उबल पड़ी। अब तुम्हारे पापा ने मुझे गिफ्ट देने के लिए तुम्हें माध्यम बनाया है। होगा कोई बेकार सा गिफ्ट। अब तो मुझे ये चाहिए ही नहीं, दे आओ उन्हें ही वापस। कहकर उस गिफ्ट को मैंने सोफे पर फेंक दिया।
मेरी बिटिया ने सहम कर वो गिफ्ट उठाया और वापस अपने कमरे में चली गई। करीब 2 घंटे बाद वो फिर से मेरे पास वही गिफ्ट लेकर आई। और धीरे से बोली मां, प्लीज एक बार तो खोल कर देख लीजिए मेरे लिए। उसके मासूम चेहरे को देख मेरे दिल में ममता हिलोरें लेने लगी।
उसके हाथ से ले वो गिफ्ट जैसे ही मैंने खोला। अवाक रह गई मैं। ये तो एक अत्यंत ही खूबसूरत गुलाबी रंग की एल्बम थी। उस के कवर पेज पर मोटे मोटे अक्षरों में लिखा था हैप्पी बर्थडे मां। अब जल्दी से उत्सुकता वश मैंने उसे खोल कर देखा तो मेरा चेहरा खुशी से खिल उठा। वाह, अद्भुत ! एल्बम के एक एक पेज को पलटते हुए खुशी के अतिरेक से मेरे नेत्रों से अश्रु बहने लगे। भाव विभोर हो मैंने अपनी बिटिया को अपने सीने से लगा लिया।
आज मेरी पुत्री ने मुझे मेरी जिंदगी का ऐसा नायाब तोहफा दिया था जिसके आगे इस संसार के कीमती से कीमती तोहफे भी व्यर्थ थे। वो बेशकीमती लम्हें जीवन भर के लिए मेरी स्मृतियों में सज गए।
उस एल्बम को मेरी पुत्री पता नहीं कितने समय से छुप छुप कर तैयार कर रही थी। उसने घर में किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगने दी थी।
इस एल्बम में तो मेरे अब तक के सबसे यादगार पलों को बड़े ही करीने से सहेजा गया था। वो बचपन की शरारतों व मस्ती को याद करते मेरे भाई बहन के लिखे हुए पत्रों को देख मैं चकित रह गई। उन पत्रों को पढ़ते हुए कभी अनायास ही हंसी आ जाती। कभी उनके भावपूर्ण शब्द पढ़कर आंखें नम हो जाती थी। मेरे मां पापा के आशीर्वाद भरे शब्द भी वहां थे जो कि मुझे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे थे।
जब मैंने उस एल्बम में अपनी पुत्री का पत्र पढ़ा तो नैना फिर से भीगने को आतुर हो उठे। मोस्ट ब्यूटीफुल, टैलेंटेड एंड ग्रेटेड मेरी मां कहकर उसने मुझे संबोधित किया था। मां, आपके बिना मैं कुछ भी नहीं उसकी ऐसे ही न जाने कितनी बातें उस पत्र में थी।
उसने उस एल्बम को बड़ी ही खूबसूरती से मेरे पसंदीदा फोटोज से सजाया था। जिसमें मेरे मां पापा के फोटो, मेरे बचपन की तस्वीरें, मेरे विवाह के फोटोज आदि थे। कश्मीर के खूबसूरत स्थलों के साथ खींची गई हमारी तस्वीरें आज इस एल्बम में जीवंत हो उठी थीं।
जब मैंने अखबारों में छपे मेरे कई लेख व कहानियों को इस एल्बम में बड़ी ही खूबसूरती से सहेजे देखा तो मेरा दिल बाग बाग हो उठा। अरे वाह, रेडियो सिटी सुपर सिंगर प्रतियोगिता के तहत मुझे मिला एक बैज भी यहां पर था। साथ ही जगह जगह मेरी बिटिया की लिखी हुई पंक्तियां मेरे दिल में गहरे से उतरती जा रही थीं।
अब मेरे सामने थे मेरी छोटी बहन के छोटे-छोटे बच्चों के लिखे हुए पत्र। मेरी प्यारी प्रेरणा, कहकर जब मुझे उन बच्चों ने संबोधित किया तो मेरी आंखें फिर एक बार भर आईं। और भी न जाने ऐसी कितनी ही मर्मस्पर्शी बातों का जिक्र उन्होंने इस पत्र में किया था। और तो और अपनी सफलताओं का श्रेय भी वो मुझे ही दे रहे थे। काश, मैं इन खुशियों के पलों को सदैव के लिए संभाल कर रखने में सक्षम हो पाऊं।