वो भयानक हादसा
वो भयानक हादसा
धड़ाम की आवाज़ आई और डा० प्रशांत की मारुति कार की विंडस्क्रीन टूटकर बिखर गई घबराकर डा० प्रशांत ने बगल में बैठी वाइफ को देखा जो उससे भी ज़्यादा घबराई हुई थी।
ये क्या चीज़ टकराई गाड़ी से प्रशांत ?
मुझे क्या पता मोना इतना कोहरा है कि कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा।
मैंने मना किया था मत जाओ लौटते वक्त रात में कोहरा मिलेगा तुमने नहीं सुना ना ही जाने के लिए और ना ही रात में रुकने के लिए।
मैं एक डाक्टर हूँ और अपने पेशेंट की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूँ, उसे जब मेरी ज़रूरत थी तो मैं कैसे मना कर देता... डाक्टर की वाइफ होकर भी तुम ऐसी बात करती हो तो मुझे हैरानी होती है।
इतना घुप्प अंधेरा है ऊपर से कोई स्ट्रीट लाईट भी नहीं जल रही है कार रोको तो देखूं कि क्या चीज़ टकराई है हमारी कार से।
नहीं रोक सकता इस अंधेरे में कार केबिन लाइट भी नहीं जलाना मोना ये गांव का इलाका है। एक घंटे में हम घर पहुंच जायेंगे थैंक गॉड कि सेफ्टी ग्लास लगा था।
तभी कार के अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आई दोनों चौक उठे मोना ने अपने फोन की टार्च ऑन करके पीछे देखा और चीख़ उठी....बच्चाsss ये कहां से आया ?
बच्चाsss.....क्या बोल रही हो तुम ?
प्रशांत पीछे की सीट पर छोटा बच्चा है।
तुम पीछे जाओ मोना सीट के बीच में से और बच्चे को देखो।
पीछे जाकर मोना ने देखा कि दो साल का बच्चा जो लगातार रो रहा था उसके माथे पर चोट लगी थी। मोना ने तुरंत बिस्किट निकाल कर उसकी तरफ बढ़ा दिया... बच्चे ने तुरंत लपककर बिस्किट मोना के हाथ से लिया और जल्दी - जल्दी खाने लगा। मोना ने सीट कवर से फर्स्ट एड बाॅक्स निकालकर एंटीसेप्टिक लगाकर बैंडेज कर दिया...बच्चा बिस्किट खाने में मगन था। मोना ने अपना शाॅल बच्चे को लपेट दिया थोड़ी देर में बच्चा मोना की गोद में सो गया।
घर पहुंचकर मोना बच्चे को गोद में लिए हुए जल्दी से अपने कमरे में पहुंची पीछे - पीछे प्रशांत भी आ गया। शुक्र की बात थी कि रात काफी हो गई थी और मेन डोर की चाभी मोना के पास थी।
मोना भईया - भाभी को बुला रहा हूँ उनको बताना ज़रूरी है।
क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो वो लोग सो गये होंगे।
ओह प्लीज़ ! ईट्स एमरजेंसी।
कमरे के दरवाज़े पर नाॅक हुआ भईया - भाभी सामने खड़े थे।
ये बच्चा कहां से ले आए तुम दोनों भाभी ने आश्चर्य से पूछा ?
लाए नहीं भाभी हमारी कार में पड़ा मिला है।
मैं पूरी बात बताता हूँ आप लोगों को और प्रशांत ने पूरी बात सिलसिलेवार बता डाली।
ओह ! कोहरे में ये बच्चा तुम्हारी कार की विंडस्क्रीन से टकराकर पीछे की सीट पर जा गिरा क्योंकि तुम्हारी कार की स्पीड तेज़ थी और फोर्स के साथ ये पीछे की सीट पर गिरा जिससे तुम लोगों को पता नहीं चला। इसको पहले गर्म दूध पिलाओ और फिर पेन किलर का इंजेक्शन दो क्योंकि इतनी जोर से ये विंडस्क्रीन से टकराया है कि वो टूट गई, इंजेक्शन से इसको दर्द में आराम मिलेगा और ये आराम से सो भी जायेगा...सुबह आराम से कोई सोल्यूशन निकालते हैं।
भईया ये देखो घबराये हुए प्रशांत ने लोकल न्यूज़ पेपर उनके आगे बढ़ा दिया। ' रात के घने कोहरे में दो साल का बच्चा घर के सामने से गायब हुआ ' ये पढ़ते ही तुरन्त उन्होंने प्रशांत से कहा आज कमरे में किसी मेड को मत जाने देना बात फैल जायेगी।
अब क्या करूं मैं भईया ?
घबराओ मत प्रशांत शुक्र मनाओ कि बच्चे को कुछ नहीं हुआ अब बच्चे के घर का पता चल गया है हम दोनों चलकर बाहर से देख आते हैं कि वहां का क्या माहौल है। रात का वक्त था किसी को कुछ भी नहीं पता है।
भाभी हम लोग जा रहे हैं आप ध्यान रखियेगा और मोना के कमरे में किसी भी मेड को मत जाने दिजियेगा बस आप और दिव्या के अलावा।
डोंट वरी प्रशांत दिव्या चाची को देख लेगी।
सड़क के किनारे एक घर के आगे काफ़ी भीड़ लगी थी समझते देर ना लगी कि यही घर है...दोनों भाई वापस लौट आये।
घर पर सबको बताया और शाम को जब बच्चा उठा तो उसको खिला पिलाकर फिर से एक पेन किलर का इंजेक्शन लगाया और दो घंटे बाद एक नई शाॅल में लपेटकर पांचों लोग बच्चे को लेकर गांव की तरफ चल दिए। रात हो गई थी ठंड की वजह से घर का दरवाज़ा बंद था अंदर से रौशनी आ रही थी बाहर पड़ी खाट पर बच्चे को लिटाया एक कंबल ओढ़ाया और आगे जाकर कार खड़ी करके हैडलाइट ऑफ कर दी। सबकी निगाहें घर के दरवाज़े पर लगी थीं। आधे घंटे बाद कोई बाहर निकला और बच्चे को देखकर चिल्लाया अंदर से कुछ और लोग बाहर निकले बच्चे को गोद में उठा अंदर चले गये। दरवाज़ा बंद होते ही सबने चैन की सांस लेते हुए भगवान को हाथ जोड़े और प्रशांत ने घर की तरफ जाने के लिए कार बैक कर ली।
अगले दिन सुबह - सुबह लोकल न्यूज़ पेपर डा० प्रशांत के हाथ में था चेहरे पर एक मुस्कान थी और आंखों में आंसू न्यूज़ पेपर में न्यूज़ थी ' परसों रात घर के सामने से गायब हुआ बच्चा घर के बाहर सोया हुआ मिला। '