Mamta Singh Devaa

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अम्माॅं के हाथों में जादू था

अम्माॅं के हाथों में जादू था

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एक मेरा बचपन था रहन/सहन कलकत्ते से रामगढ़ और बनारस... कलकत्ते में बंगाली और पंजाबियों का साथ तो खान/पान भी वैसा जड़ें गांव से जुड़ी हुई तो अम्माॅं भला कैसे वहां के खाने को छोड़तीं ? हम गांव जाते तो वहां कभी भी सिर्फ आटे की रोटी नही बनती जौ और चना मिला कर बनती थी और उस रोटी को देखते ही मैं चिल्ला पड़ती थी " मैं ये खुरदरी रोटी नही खाऊंगी मुझे चिकनी रोटी चाहिए " एक दो दिन मेरी ज़िद मान ली जाती थी आज मिल्ट्स फैशन में है ।


तीसी ( अलसी ) के लड्डू बनते थे चटनी बनती थी आज ये भी जबरदस्त फैशन में है आप सब ये सोच रहे होंगे कि मैं ये सब क्यों बता रही हूं वो इसलिए कि अम्माॅं ने हमेशा हमें ये सब चीजें घर में बनाकर हमारे स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का ख्याल रखा इन्हीं खानपान का असर है कि मैं आज भी जितनी भी बीमार रहती हूॅं कभी भी बिस्तर पर नही रहती अपने घर का पूरा काम करती हूॅं । इस उम्र में अकेले प्रॉटी करती हूॅं अपनी रसोईं और स्टूडियो

में सिर्फ मैं अकेली काम करती हूॅं । ये असर है फायदेमंद खानपान का जो इस उम्र में भी मुझे ताकत देता है पहले ये बातें नही समझ आती थीं खाने का समान है खाना है...अब तो बताना पड़ता है कि ये फायदेमंद है इसलिए इसको खाओ ।


अम्माॅं शुद्ध शाकाहारी थीं लेकिन मांसाहारी खाना बनाने में उनका कोई तोड़ नही था जिसका स्वाद उन्होंने कभी नही चखा उसको इतना स्वादिष्ट वो कैसे बनाती थीं ये राज़ आज भी राज़ है । आज से पचास साल पहले गैस पर आठ घंटे में केक बनाती थीं ग़ज़ब का स्वाद होता था आज भी ज़बान पर वो स्वाद है । अम्माॅं के हाथ के खाने में जो स्वाद था उसका एक राज़ था वो सिल पर मसाले पीसकर इस्तेमाल करतीं थीं एकदम ताज़े - ताज़े , कभी भी खाना फ्रिज में नही रखती थीं फ्रिज का इस्तेमाल सिर्फ दूध और कच्ची सब्जियों के लिए होता था । बगल की खाली ज़मीन में गोबर की खाद इस्तेमाल करके सब्जियां भी उगाती थी ये सब बस इसलिए करती थीं कि उनके अपने अच्छा और स्वादिष्ट खाने का आनंद ले सकें , जितने पुराने लोग मिलते थे सबसे पहले अम्माॅं के खाने की तारीफ करते थे मेरे और मेरे भाई बहनों के बच्चे सब दादी/नानी के साथ का खाना याद करते हैं ऐसी थीं मेरी अम्माॅं और उनके हाथ के बने खाने का जादू ।


मां के हाथ का जादुई खाना

हमारी जिव्हा का लपलपाना

रच - रच कर खाना बनातीं

ना जाने कहां से वो अपने हाथों में

जबरदस्त स्वाद का जादू उतार लातीं ।



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