विचार क्रांति (day-16 super hero)
विचार क्रांति (day-16 super hero)
"यह सही है ;सुपर हीरो सब कुछ सही कर देता है । काश हमें भी कोई सुपर हीरो मिल जाए और सब कुछ ठीक हो जाए । ",मेरे छोटे भाई ने एवेंजर्स मूवी देखते हुए कहा ।
"लेकिन समर ,सुपर हीरो के सामने विलैन भी तो सुपर होने चाहिये । हमारी तो सारी समस्याएँ यहाँ हैं । ",मैंने अपने सिर पर हाथ रखते हुए कहा ।
"क्या मतलब छोटी दीदी ? आप और आपकी बातें समझ नहीं आती । ", मेरे छोटे भाई ने रिमोट से टेलीविज़न बंद करते हुए कहा ।
"हमें एक विचार क्रांति की जरूरत है । हमें अपनी सोच पर काम करने की जरूरत है । सोच बदल जायेगी तो समस्याएँ अपने आप सुलझ जायेंगी । ",मैंने कहा ।
"कैसे दीदी ?",मेरे छोटे भाई ने कहा ।
"हम वृक्षारोपण करते जाते हैं ;लेकिन कभी भी लकड़ी के उत्पादों के सही ढंग से सोच समझकर इस्तेमाल करने की बात नहीं करते । कभी अपने उपभोग को कम करने की बात नहीं करते । नल खुला हुआ है ;पानी बहता जा रहा है और हम पोंछा लगाते जा रहे हैं ।जब तक पानी के स्त्रोत नल को बंद नहीं करेंगे ;पोंछा लगाना बंद नहीं होगा । ",मैंने कहा ।
"यह अब नल और पोंछा कहाँ से आ गया ?",मेरे छोटे भाई ने कहा ।
"अरे बाबा ;उदाहरण दे रही थी । किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए ;उसके कारण पर प्रहार आवश्यक है । हर समस्या हमारे विचारों से ही शुरू होती है । ",मैंने कहा ।
"मैं तो चला । ",मेरा छोटा भाई उठकर चला गया था ।
"काश मुझमें ऐसी कोई शक्ति आ जाती कि मैं लोगों की सोच परिवर्तित कर पाती । ",ऐसा सोचते -सोचते मैं ,सो गयी थी ।
सुबह जब नींद खुली तो मैं और दिन से कहीं ज्यादा तरोताज़ा महसूस कर रही थी । फ्रेश होकर ,घर की दीवार पर रखे हुए गमलों में मग से पानी डाल रही थी ।
देखा तो आज भी पड़ौसी अंकल पाइप से अपनी कार धो रहे थे । यही अंकल अगर एक दिन भी पानी न आये तो सरकारी जल आपूर्ति करने वाले कर्मचारियों की नाक में दम कर देते हैं । मंत्री महोदय को टैग करते हुए एक के बाद एक ट्विट करते जाते हैं । खैर ट्विट (tweet ) करने में जाता भी क्या है ? कुछ उँगलियों और अँगुठे की मदद से फ़ौरन ट्विट हो जाता है ।
"अंकल ,अगर आप मग के इस्तेमाल से गाड़ी साफ़ करेंगे तो आधा बाल्टी पानी में ही काम हो जाएगा । इससे बहुत सारा पानी बचेगा और सड़क पर कीचड़ भी नहीं होगा । पानी की एक -एक बूँद कीमती है । कहते हैं कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो पानी के लिए ही होगा । ",कई दिनों से मैंने अपने ऊपर नियंत्रण कर रखा था ;लेकिन आज मैंने अंकल को समझाने की जुर्रत कर ही डाली थी ।
अंकल ने मेरी तरफ प्रश्नवाचक नज़रों से देखा । मैं थोड़ी सकपकाई ;थोड़ा सा डरी ;लेकिन फिर आत्मविश्वास भरी नज़रों से अंकल की तरफ देखा ; जब ओखल में सिर दे ही दिया था तो मूसलों से क्या डरना था ?
"अंकल तुरंत अंदर गए ;कुछ ही सेकण्डों में अंकल बाहर आ गए । मैं सुखद आश्चर्य से भर गयी थी ;अंकल के हाथ में मग और बाल्टी थी ।
"तुमने एकदम सही कहा बेटा । जल है तो कल है । ",अंकल ने मुस्कुराकर मेरी और देखते हुए कहा ।
मैं प्रसन्न मन से घर के अंदर आ गयी थी । आज फिर घर में सुबह -सुबह दीदी की शादी को लेकर महाभारत छिड़ा हुआ था । मम्मी-पापा दीदी की शीघ्र शादी करना चाहते थे और दीदी रिसर्च करना चाहती थी । दीदी को एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से छात्रवृत्ति भी मिल रही थी ।
"पापा,दीदी अगर अभी शादी नहीं रिसर्च करना चाहती हैं तो उन्हें करने दे।लड़की हो या लड़का सबको अपने सपने पूरे करने की आज़ादी होनी चाहिए। ",मैंने कहा और पापा तुरंत मान भी गए।
दीदी बहुत खुश थी ;उसने आज मुझे ऑफिस पहनकर जाने के लिए अपना फ़ेवरेट केसरी रंग का सलवार सूट निकालकर दिया । नाश्ता करके, मैं स्कूटी से ऑफिस के लिए निकल गयी ।
जल्दबाज़ी में ,मैंने रेड सिग्नल तोड़ दिया । थोड़ा आगे जाते ही ट्रैफिक पुलिस ने मुझे पकड़ लिया था । मैंने कहा ,"जाने दीजिये । एक आपातकालीन स्थिति है ;मैं तो हमेशा ही यातायात नियमों का पालन करती हूँ । "
लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और मेरा चालान काट दिया तथा भविष्य में यातायात नियमों के सही से पालन न करने पर लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी भी दे दी ।
ऑफिस पहुंचते ही मेरी करीबी दोस्त मेरे पास आकर रोने लगी । "क्या हुआ ?",मैंने पूछा ।
"आज फिर आशीष ने मुझ पर फब्ती कसी । मैं तलाकशुदा हूँ तो क्या करूँ ?क्या इससे आशीष जैसे लोगों को मुझे चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार मिल जाता है । ",उसने रूँधे गले से कहा ।
मैं दनदनाते हुए बॉस के चैम्बर में घुस गयी । मैं जानती थी कि आशीष अपने काम में बहुत अच्छा है और बॉस का नज़दीकी भी है ;लेकिन आशीष का अपनी साथी महिला कार्मिकों के साथ व्यवहार बहुत ही बुरा था ।
मैंने बॉस को जैसे ही आशीष द्वारा अपनी साथी महिला कर्मचारियों के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के बारे में बतायाऔर उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के लिए समझाया तो बॉस ने उसे आखिर लिखित चेतावनी दे ही दी ।
आज सुबह से मैं जिस भी व्यक्ति से कोई सही तार्किक बात कह रही हूँ या समझा रही हूँ तो सभी लोग मेरी बात मान रहे थे ।शायद मुझमें लोगों को समझाने की नयी शक्ति आ गयी थी ।मैं भी एक सुपर हीरो बन गयी थी ;ऐसी सुपर हीरो जिसकी जरूरत विचार क्रांति लाने के लिए है।