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seema Sharma

Drama

3  

seema Sharma

Drama

वह पीले सूट वाली लड़की

वह पीले सूट वाली लड़की

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एक प्यारी सी छोटी सी लड़की 42 डिग्री तापमान में बस स्टॉप में अपनी माँ के साथ बैठकर बस का इंतज़ार कर रही थी! उसकी उम्र यही कोई 3 या 3.5 साल की रही होगी! पीले रंग के सलवार कमीज़ में वो लड़की बहुत प्यारी लग रही थी! उसके गले में काले रंग का ताबीज़ लटक रहा था!


भरी गर्मी में लड़की माँ को कहती, “अम्मी, बहुत प्यास लग रही है, पानी दो ना!” माँ बैग में हाथ डालती फिर उसको खाली बोतल दिखाते हुए बोलती, "देख ले पानी खत्म हो गया है, घर जा के मिलेगा!"


मैंने उसे पानी देने का ईशारा किया तो माँ ने सकपकाते हुए मना कर दिया! एक कारण यह हो सकता है कि उसको शायद किसी से पानी मांगना पसंद ना हो! या फिर दूसरा कारण मेरे माथे पर लगी बिंदी भी हो सकती थी!


शायद उसने भाप लिया था कि मैं हिन्दू हूँ ! खैर अब पानी की बात भूल लड़की एक कविता गाने लगी...


2 चूहे थे, मोटे मोटे थे


अभी उसने यह लाइन 2 बार ही गाई थी कि उसकी माँ चिल्ला पड़ी, "ज़ोया चुप करो, दिमाग खराब मत करो!”


वो पीले सूट वाली लड़की जिसका नाम जोया था एकदम सहम गयी! थोड़ी देर इधर उधर देख कर उसके अंदर का बच्चा फिर जाग गया!


“अम्मी, बहुत प्यास लग रही, पानी दो या आइसक्रीम खिलाओ!”


ज़ोया की माँ बोली, “तुम्हारी आइसक्रीम के चक्कर में बस निकल जाएगी!”


”तो पानी दो...” जोया चिल्लाते हुए बोली! उसके सूखे होंठ देख मैंने फिर पानी देने की नाकाम कोशिश की, पर इस बार उसकी माँ ने मुझे ऐसे घूर कर देखा मानो कह रही हो कि, एक बार बोली बात आपको समझ नहीं आती?


तभी जोया की बस आ गयी। भीड़ से भरी बस में ज़ोया अपनी मम्मी के साथ चढ़ गयी! उसके होंठ बिलकुल सूखे थे, पानी की तलाश में! मेरे साथ बैठी एक महिला ने उनके बस में चढ़ते ही बोला, "आपको समझना चाहिए था कि वो दूसरे धर्म की है।”


मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मुझे सिर्फ समझ आ रहा था, वो पीले रंग के सूट वाली ज़ोया और उसकी प्यास! मुझे आपके जितनी गहरी बातें समझ नहीं आती, कोशिश करती हूँ कि इंसान को ही समझ जाऊं, पर उसमें फिर आज नाकामयाबी मिली!”


इतने में मेरी बस भी आ गयी! ज़ोया की प्यास तो घर जाकर मिट गयी होगी पर जो आपसी रिश्तों के दरमियान दूरी है, वो कभी मिटेगी क्या?


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