STORYMIRROR

H.K. Joshi Joshi

Inspirational

2  

H.K. Joshi Joshi

Inspirational

वह मेरा ही परिवार है

वह मेरा ही परिवार है

1 min
392

मेरे घर के सामने एक परिवार नया आकर बसा , उस परिवार में कुल तीन सदस्य थे,मियाँ बीबी और एक वृद्धा माँ, जब यह लोग आए तो शुरू शुरू में इन से कोई बात नहीं करता था ना हीं उनसे उन्हें जरूरत की वस्तु देता।

एक दिन उस परिबर की वृद्धा रात्रि के एक बजे हमारा दरबाजा खटखटाया,मेरी पत्नी ने कारण पूछने पर मालूम हुआ कि उस वृद्धा के बेटे के पेट मे वहुत तेज दर्द उठा है,इसलिये पड़ोसी होने के नाते सहयता से अपने बेटे को अस्पताल ले जाना चाहती थी, चूँकि घर में कोई अन्य पुरुष नही था,साथ ही पैसों की भी कमी थी,मेरी पत्नी ने उसे गेट से ही मना कर दिया अचानक मैं जब घर अपनी ड्यूटी पूरी कर घर मे घुसा तो वह वृद्धा मेरी ओर आशा भरी दृष्टि से देखने लगी ,मैने उनसे पूछा तो पत्नी ने मुझे सारी बात बताई, मेने उन्हें ढाँढस बढ़ाया और तुरन्त एक रिक्शे में उन्हें ले जाकर नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया, साथ ही डॉक्टर साहब के पास चार हजार रुपये जमाकर दिए, डॉक्टर ने अच्छा उपचार किया और वह सुवह तक ठीक हो गये, अतः मै और वह वृद्व माँ ,उसका बेटा डाक्टर की राय से घर आगये तब से वह परिवार हमारे घर का हिस्सा बन गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational