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H.K. Joshi Joshi

Thriller

4  

H.K. Joshi Joshi

Thriller

■■रक्त पिपासु वैम्पायर लव■■

■■रक्त पिपासु वैम्पायर लव■■

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राज नगर ......आज की ताजा ख़बर........।

आज की नई ख़बर.......।

राजनगर में ........एक और मर्डर.....

क़ातिल हसीना का ......आज का नया शिकार...... बना इंसपेक्टर .......घोषाल।

राज नगर में .......लगातार आज भी ........हत्याओं का ....सिलसिला जारी।

राज नगर में .......अब पुलिस कर्मी भी सुरक्षित नहीं ........।

अनेकों तरह के प्रश्न राजनगर की गलियों में ,चौराहों, बस स्टैंड, रेलवेस्टेशन रेस्टोरेंट, आदि सार्वजनिक क्षेत्रों में ,हॉकर, पब्लिक द्वारा गूंज रहें थे, पूरा का पूरा राजनगर प्रशासन से लेकर जनताजनार्दन में हड़कम्प मच गया था, लोग उस अनाम क़ातिल सुन्दरी के भय से भयातुर थे, लगता था...... पूरे राजनगर में.....आज..... अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया हो।

जिधर देखों उधर जत्थों के रूप में आपस में उस रहष्य मय क़ातिल हशीना के चर्चे ही चर्चे।

ग्रह मंत्रालय के दवाब होने के कारण सुपर इंस्पेक्टर अरविंद त्रिवेदी साहब नें सभी महिला पुरुषों को अपनीं ओर से एक एडवाईजरी जारी की जिसमें महिलाओं और पुरुषों के होटल्स, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक क्षेत्र में आधी रात में निकलने की शख़्त मनाही कर दी गई थी।

साथ ही सुपर साहब अरविंद त्रिवेदी नें एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी, जिसमें सम्पूर्ण डिस्ट्रिक्ट लेवल के हाई अधिकारी हाई सुरक्षा कर्मियों ने भाग लिया।

इस आपातकाल मीटिंग का उद्देश्य।

" जन भावना में असुरक्षित भाव को दूर करना तथा उस रहष्य मय क़ातिल हसीना को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है। " पर चर्चा करना था।

  पूरा का पुरा वेंकटेश्वर हाल प्रशासन अधिकारी से लेकर डिफेंस अधिकारियों की समझ में नहीं आ रहा था कि इस क़ातिल रहष्यमय सुन्दरी को , कोई कैसे और किस तरह गिरफ्तार करे अथवा उस क़ातिल को कैसे पकड़ा जाए।

मीटिंग शुरू हो गई, सर्व प्रथम जिले के डी, एम, साहब द्वारा प्रस्ताव रखा गया, कि कोई भी सुरक्षा अधिकारी इस क़ातिल को पकड़ेगा उसे एक लाख रुपया से पुरष्कृत किया जाएगा।

सभी अधिकारी एक दूसरें का चेहरा देखनें लगे। 

पूरे वेंकटेश्वर हॉल में एक दम सन्नाटा पसर गया।

सुपर साहब और डी, एम, साहब हॉल में उपस्थित रहे लोगों को ध्यान से देखनें लगें, सभी की नजरें नीचें झुकी हुईं थीं।

जब पूरा हाल एक दम शांत दिखनें लगा, एक सुई के गिरनें की आवाज़ भी सुनी जा सकती थी तो एकाएक सुपर अरविंदत्रिवेदी अपनी जगह से उठें और सभी सुरक्षा अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए बोले।

प्रिय मित्रों आप सभी जानतें हैं कि कोई भी अपराधी कितना भी चांलाक क्यों ना हो ,वह कुछ ऐसे सबूतों को जरूर छोडजाता है, और जो हमारें इंटेलिजेंट अफ़सर है, वह उन सबूतों के सहारे उस क़ातिल तक आसानी से पहुँच कर उसे गिरफ्तार कर लेंगें, किन्तु हमारें अंदर उस शौर्य की क्षमताओं को जगाना अति आवश्यक है।

सुपर साहब थोड़ी देर को ठहर कर अपनें शब्दों की प्रतिक्रिया देखना चाहतें थे।

किन्तु सभी उपस्थित युवा अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया ना होनें पर वह वहुत निराश नज़र आ नें लगें थे।

अतः अंत में डी, एम, साहब द्वारा यह कहनें पर कि आप में से सभी युवा, एवं वरिष्ठ अधिकारियों की ओर हमें सुझाब देना चाहिए कि आख़िर उस क़ातिल को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं।

इस पर वहाँ उपस्थित कुछ लोगों में ख़ुसर पुसर होनें लगी,

हाँ हाँ आप में से कोई भी अपनें स्थान से यहाँ माइक पर आकर अपनें विचार सभी के साथ शेयर कर सकते हैं।

इस बात को सुनकर एक वरिष्ठ अधिकारी आर,के, नय्यर

 अपनीं जगह से उठकर माइक की ओर बड़े और फिर वहाँ उपस्थित अपनें साथियों की ओर मुख़ातिब होतें हुए बोलें।

सभी सम्मानित साथियों, मेरे कुछ प्रश्न है जो मैं अपनें विभागीय अधिकारियों से डिस्कस करना चाहता हूँ।

प्रश्न नम्बर 01:- यह क़ातिल इतना चालाक है कि वह कभी कोई सूत्र नहीं छोड़ता।

प्रश्न नम्बर 02:- उसके क़त्ल करनें के ढ़ंग से लगता है कि वह क़ातिल कोई इन्शान नहीं हो सकता है।

प्रश्न नम्बर 03:- मैं दावे से कहता हूँ कि वह क़ातिल का कारनामा किसी रूहानी शक्ति से है, जो किसी स्त्री के रूप में आकर अपनें शिकार को फाँस कर उनका रक्त पान करती है।

प्रश्न नम्बर 04:- हमारें होनहार जांबाज़ इंस्पेक्टर घोषाल की हत्या भी रक्त की कमी के कारण हुई है,साथ ही उनकें कमरें में एवं घर के वाहर लगें सी सी टी वी में केबल इंस्पेक्टर घोषाल नग्न सैक्स करनें की अबस्था में मृत पाए गए हैं,जबकि सैक्स वह किस युवती से कर रहे थे, इसका कोई पता नहीं।

प्रश्न नम्बर 05:-इंस्पेक्टर घोषाल की ही भाँति अन्य मर्डर मिस्ट्री है।

कृपया इन प्रश्नों पर विचार करें तब कहीं जाकर हम क़ातिल तक पहुँच पायेगें।

इतना कहनें के साथ नय्यर साहब अपनीं सीट पर आकर चुपचाप बैठ गए।

तभी इंस्पेक्टर राज अपनी बात शेयर करते हुए बोलें।

मैं नय्यर साहब की बातों से पूर्णतयः सहमत हूँ, साथ ही हमें एक सिविलियन भारत की बात को भी समझना जरूरी है, हमें अब भरत पर चौबीसों घंटे नज़र रखनीं होगी।

इंसपेक्टर राज की बातों नें केस को एक नया एंगिल देदिया था, अतः सर्व सम्मति से नजऱ रखना तय हो गया और फिर मीटिंग समाप्त कर दी गई........शेषांश आगे।




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