Vimla Jain

Action Others

4.0  

Vimla Jain

Action Others

वह भूली दास्तां फिर याद आ गई

वह भूली दास्तां फिर याद आ गई

2 mins
65


वह भूली दास्तां आज फिर याद आ गई।

आपने जो चाय नाम लिया तो वह चाय याद आ गई, और हमारी दुखती रग को छू गई।

समय था सुहाना सुहाना नजारे थे खूबसूरत से। वेनिस के टाइम स्क्वायर में घूम रहे थे हम मजे से। इधर उधर देखते थे हम चल रहे थे मजे से।

दो तरफ दुकानें काफी थी बीच में बड़ा सा चौक था, उसकी दूसरी तरफ देखने लायक चीजें थी।

हम देखते देखते चले जा रहे थे। चले जा रहे थे । थोड़े हम थक गए थे । एक दुकान के सामने देखा कुछ कुर्सियां पड़ी हमको बुला रही थी।

सोचा जाकर बैठ कर थोड़ा विश्राम कर लेते हैं। पांव को थोड़ा आराम दे देते हैं। सबको पीछे छोड़ हम जाकर कुर्सी पर बैठ गए हमें पता नहीं था कि वह दुकान चाय कॉफी की थी और वहां कुर्सी पर बैठने पर चाय कॉफी कुछ लेना ही पड़ता है।

पीछे से बेटा आया बोला मम्मी यहां क्यों बैठे हो मैंने कहा बेटा मैं थक गई हूं । इसीलिए विश्राम कर रही हूं। उसने बोला यहां यह रिवाज है अब आप यहां बैठे हो तब आपको यहां से चाय लेनी होगी। मैंने कहा ठीक है। चाय इसमें कौन सी बड़ी बात है। चाय आर्डर करा एक कप में गर्म पानी और एक चाय का पाउच लाकर उसने पकड़ा दिया। 8 यूरो का बिल हमको थमा दिया। हम तो चक्कर खा गए, यह क्या खाली गर्म पानी और चाय के पाउच के 8यूरो।

खैर जैसे-तैसे दूध शक्कर मंगवा कर वह चाय पिया। मगर 8यूरो वाली चाय हमको बहुत कड़वी लगी। ना चाय का स्वाद आया और जेब पर चपत लगी।

हां मगर यह हमको सिखा गई विदेश में घूमो तो ध्यान से घूमो कुछ खरीदो। तो ध्यान से खरीदो । कहीं बैठो तो ध्यान से बैठो नहीं तो जेब पर चपत लग ही जाएगी और हमेशा कड़वी याद बनकर रह जाएगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action