वह १५ दिन
वह १५ दिन


१५ दिन पहले मेरी तबीयत खराब महसूस हुई बुखार था, सर में दर्द, गले में दर्द, हॉस्पिटल गई तो डॉक्टर ने कई हिदायतें दी; घर में रहने को बोला और बुखार की दवा खाते रहिए ऐसा बोला।तब भी कहीं ना कहीं ऐसा लगा जैसे वो मुझे गुनहगार की नजर से देख रहा हो मैंने भी मन में सोच लिया भाड़ में गया हॉस्पिटल मैं खुद से ठीक कर लूँगी।
फिर अपने विश्वसनीय डॉक्टर को फोन किया; डॉक्टर ने बोला कुछ नहीं है, फ्लू होगा फ्लू का ऐसा मामला है कि दवा नहीं ली तो ७ दिन में ठीक हो जाएगा और ले ली तो १ हफ्ते में ठीक हो जाएगा।मुझे भी पता है कि डॉक्टर समझ गए थे कि अगर कॅरोना होगा तो कुछ कर नहीं सकते इसलिए टेंशन देना ठीक नहीं साथ ही कुछ घरेलू हिदायतें दे दी कि क्या करना चाहिए; वह सब मैंने किया।
काढ़ा पीना, भाप लेना, विटामिन डी लेना। बच्चे ने भी फोन पर बहुत सारी हिदायतें दे दी; ऐसा करिए मम्मी, वैसा करिए। मैं भी उसको वीडियो कॉल करती और उ
सके सामने गुड खा के अजीब सा मुंह बना कर कहती, "बेटा मुझे बिल्कुल टेस्ट नहीं आ रहा है।वह डर जाता तो तुरंत मैं हंस कर बोलती, "मुझे कुछ नहीं है, टेस्ट और खुशबू दोनों मुझे आ रहे हैं।"
फिर मुझे उस से डांट पड़ती कि आप तो करोना को भी मजाक में ले रही है।इन सबके बीच मुझे आप सब की बहुत चिंता हो रही थी, अगर मुझे कुछ हो गया तो फिर मंच का क्या होगा? आप सब पाठकों का क्या होगा? मेरी इतनी बकवास रचनाएं, बकवास पोस्ट पढ़े बिना आप कैसे रहेंगे?
उसी समय मैंने मन में ठान लिया कि मुझे ठीक तो होना ही है, करोना तो मुझे छू भी नहीं सकता। आज १५-१६ से दिन के बाद मैं बिल्कुल ठीक हूँ लेकिन मन में शहंशाह वाली फीलिंग है कि मैं भी उन ग्रेट लोगों में से हूँ जिनको कोविड-१९ छूकर निकला है इसका कोई पक्का सबूत नहीं है क्योंकि मैंने टेस्ट नहीं करवाया था, पर शायद की बिना पर ही मैं पूरी शहंशाह वाली फीलिंग ले सकती हूँ, और ले रही हूँ।